लखनऊ : कैलास मानसरोवर यात्रा इन दिनों चर्चा में है. बेशक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस यात्रा अनुदान राशि को बढाकर एक लाख कर दिया हो, परन्तु इसकी शुरुआत का श्रेय तो तत्कालीन सपा सरकार को ही जाता है, जिसने सिर्फ 25 हजार रुपये से शुरू हुई अनुदान की इस रकम को बढाकर साढ़े तीन साल पहले 50 हजार रुपये किया गया था.जिसे अब एक लाख रुपये किए जाने के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रियों की संख्या निश्चित ही बढ़ेगी. गौरतलब है कि तत्कालीन सपा सरकार में 25 जनवरी 2016 को जारी आदेश में अनुदान पाने वाले अधिकतम यात्रियों की संख्या भी 50 से बढ़ाकर 100 कर दी गई. इसी तरह सपा सरकार ने लेह लद्दाख स्थित सिंधु दर्शन करके आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 30 सितंबर 2015 कोआदेश जारी कर प्रतियात्री 10 हजार रुपये दिए जाने की व्यवस्था की गई थी. सपा सरकार में सिंधु दर्शन में भी प्रतिवर्ष अधिकतम 100 यात्रियों को ही अनुदान दिए जाने का नियम गया था.लेकिन यह दोनों अनुदान किसी व्यक्ति को उसके जीवनकाल में सिर्फ एक बार ही मिलेगा. खास बात यह है कि प्रदेश में दो जगह लखनऊ व गाजियाबाद में बने हज हाउस की तरह मानसरोवर यात्रा के लिए भी केंद्र बनाए जाने की योजना से तीर्थयात्री खुश होने के साथ ही उत्साहित है. यह भी पढ़ें योगी सरकार: कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए मिलेंगे 1 लाख रुपये योगी ने मुस्लिम लड़कियो की शादी भी कराई है - कैलाश विजयवर्गीय