पटना। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत होने के बाद अब तरह तरह की बातें सामने आ रही हैं। ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं। ये आरोप बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल आरजेडी के नेता ही लगा रहे हैं। इनका कहना है कि उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को सहायता पहुंचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रयास किए थे। आरोप लगाया गया है कि नीतीश ने भाजपा को यूपी में मदद की थी। इस तरह के आरोप लगने के बाद अब मामला गंभीर हो गया है। आरजेडी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश में भाजपा की जीत के पीछे कइ् कारण हैं। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार द्वारा 2 साल की तैयारी के बाद भी चुनावी मैदान में न आना इस बात का संकेत था कि वे भाजपा को मदद पहुंचा रहे थे। रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि अन्य नेता नोटबंदी पर केंद्र सरकार का विरोध कर रहे थे जबकि नीतीश ने पीएम मोदी और उनकी सरकार का इस मामले में समर्थन किया। इसके इतर हिंदूस्तान अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने अपील की है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से भाजपा के साथ हो जाऐं। वे एनडीए में लौट आऐं। उन्होंने कहा कि यह वह समय है जब नीतीश कुमार अपनी राजनीति पर फिर से ध्यान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह समय फिर से गौर करने का है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजनीति को बदल दिया है ऐसे में नीतीश को सारे मतभेद भुलाकर साथ आना होगा। हालांकि जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने रघुवंश प्रसाद के बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि उत्तरप्रदेश में पार्टी की उपस्थिति नहीं थी ऐसे में यहां पर चुनाव लड़ने का अर्थ नहीं था। उनका कहना था कि हमने चुनाव इसलिए लड़ा क्योंकि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन में जगह नहीं मिली। त्यागी ने कहा कि भले ही रघुवंश प्रसाद सिंह ने नीतीश की आलोचना की हो लेकिन उनके राष्ट्रीय महत्व को मान लिया है। केंद्र सरकार को नीतीश का ऑफर महिला आरक्षण बिल लाये, हम करेंगे समर्थन मुक्ताकाश मंच पर मनोज तिवारी, कल्पना और लालू के सुरों ने जमाया रंग प्रधान मंत्री मोदी की तस्वीर पर जूते मारने वाले मंत्री ने माफ़ी मांगी