लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुजुर्ग संतों, पुजारियों व पुरोहितों की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। सीएम योगी ने फैसला लिया है कि बुजुर्ग संतों, पुजारियों एवं पुरोहितों के हित के लिए एक बोर्ड गठित किया जाएगा। यह बोर्ड संतों-पुजारियों के कल्याण से जुड़े काम देखेगा। उन्होंने बुधवार (20 अप्रैल, 2022) को कैबिनेट के सामने धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान यह निर्देश दिया। बता दें कि इसका वादा भाजपा ने 2022 चुनाव के लोक कल्याण संकल्प पत्र में भी किया था। सीएम योगी ने कहा कि, 'पीएम नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में 21वीं सदी में भारत में सांस्कृतिक नवजागरण हो रहा है। राज्य की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित, संवर्धित और लोकप्रिय बनाते हुए राज्य को सांस्कृतिक गंतव्य के तौर पर प्रतिष्ठित करने की हमारी कोशिश है।' इसके साथ ही सीएम योगी ने यूपी दिवस की तर्ज पर जिला, गाँव व नगर स्थापना दिवस पर विशेष आयोजन का भी निर्देश दिया है। वहीं, सीएम योगी ने ईको एंड रूरल टूरिज्म और सभी 75 जिलों में पर्यटन एवं संस्कृति परिषद गठित करने की बात भी कही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम योगी ने अधिकारियों को यह भी कहा है कि आने वाले 100 दिनों के अंदर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के मद्देनज़र ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली का विकास किया जाना चाहिए। जिसमें मंदिरों का विवरण, इतिहास, रूट मैप की जानकारी मौजूद हो। साथ ही CM योगी ने कहा कि भाषाओं के संरक्षण के लिए एकेडमी स्थापित की जाएगी। गोरखपुर, प्रयागराज, मथुरा और वाराणसी में भजन स्थल स्थापित किए जाएँ। 'ये हम हैं, ये हमारी कार है...', बुलडोज़र के साथ अफसर ने डाला स्टेटस.., यूपी का मामला *Koo App ने शुरू किया 'भारत की आध्यात्मिक यात्रा' अभियान, मंदिरों और भक्तों को डिजिटल रूप से जोड़ने की कोशिश जहांगीरपुरी हिंसा: बुलडोज़र की कार्रवाई रुकने के बाद भी हिन्दुओं ने खुद हटाया मंदिर का अवैध गेट