लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने की इजाजत दे दी है। लेकिन जो आदेश सरकार ने जारी किया है उस आदेश में यह कहा गया है कि सालाना फीस में 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी न की जाए। आप सभी को पता हो कि इससे पहले कोरोना के चलते फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी गई थी। जी हाँ और अब राज्य सरकार की तरफ से जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि Covid-19 के कारण पैदा हुई समस्याओं और परेशानियों के कारण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था, जिसमें छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को रोजगार में दिक्कत आने लगी थी और स्कूलों में फीस जमा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। यह सब देखते हुए जनहित में पहली बार शैक्षणिक संस्थानों में फीस न बढ़ाए जाने के निर्देश दिए गए थे। हालाँकि अब आप देख रहे होंगे कि कोरोना महामारी के मामलों में अब कमी आ रही है जिससे हालात सामान्य हो रहे हैं। इस वजह से फीस में इजाफा किया जा सकता है। हालांकि, शासन की तरफ से जारी किए गए पत्र में बताया गया कि सालाना फीस में 5 फीसदी से अधिक फीस की वृद्धि न की जाए। आप सभी को बता दें कि इसके अलावा स्कूल फीस के संबंध में अगर कोई छात्र, अभिभावक, अध्यापक या एसोसिएशन संतुष्ट नहीं है, तो वह अधिनियम 2018 की धारा 8 के तहत जिला शुल्क नियामक समिति के सामने अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। जी हाँ, दरअसल जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक और मंडल में मंडलीय संयुक्त निदेशक को निर्देश दिए गए हैं कि आदेशों के अनुसार ही फीस में इजाफा किया और आदेशों से इतर कर शुल्क वृद्धि न की जाए। आप सभी को बता दें कि राज्य की अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की ओर से शैक्षणिक सत्र 2022-23 में निजी माध्यमिक स्कूलों द्वारा फीस नहीं बढ़ाने का आदेश जारी किया गया था जिसमें निजी स्कूलों को फीस वृद्धि करने से मनाही की गई थी। जी दरअसल इसके पीछे वजह थी कि लॉकडाउन के कारण बच्चों के अभिभावकों के रोजगार पर असर पड़ा था और वो फीस देने में सक्षम नहीं थे। इसी के साथ ही जनवरी माह में तीसरी लहर भी प्रभावी थी और स्कूलों में पढ़ाई बंद थी। धन प्राप्ति और घर से वास्तुदोष मिटाने के लिए आज करें ये काम मुनव्वर के प्यार में पड़ी अंजलि, बातों-बातों में बोल दिया।।।I LOVE YOU अवैध संचालित मेडिकल स्टोर पर औषधि विभाग का छापा, तीन के खिलाफ FIR दर्ज