नईदिल्ली। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार तीन तलाक के मसले पर गंभीरता से कार्य कर रही है। दरअसल तीन तलाक के मसले पर उत्तरप्रदेश की राज्य सरकार जनमत संग्रह करवा रही है। सरकार की मंशा है कि तीन तलाक के मसले पर सर्वोच्च न्यायालय में मुस्लिम महिलाओं का पक्ष रखा जाए। हालांकि इस मामले में कुछ मुस्लिम संगठनों ने पहले भी अपनी राय में इसे धर्म से जुड़ा मामला बताया था और कहा था कि यह कुरान से जुड़ा मसला है इसलिए कोई भी विधान इसमें दखल नहीं दे सकता है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि तीन तलाक, बहुविवाह, निकाह हलाला आदि परंपराऐं मुसलमानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिला सुरक्षा राज्य के लिए प्राथमिकता में है। उन्होंने प्रस्ताव पारित किया कि प्रत्येग गरीब परिवार में बेटी के जन्म पर 50 हजार रूपए का विकास बाॅण्ड प्रदान किया जाएगा। इसके लिए सरकार अपनी ओर से तैयार की रही है। सरकार द्वारा मुस्लिम महिलाओं से ली गई राय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया जाएगा। राज्य की महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने मीडिया को चर्चा के दौरान कहा कि विभाग के मंत्री व मंत्रिमंडल में शामिल अन्य नेता इस मामले में मसौदा बताऐंगे। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रिपल तलाक के मसले पर मुस्लिम महिलाओं का मत जाने के लिए कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार को लेकर यह बात सामने आई है कि सरकार तीन तलाक के मसले में मुस्लिम महिलाओं की राय के आधार पर अपना पक्ष सामने रखेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विवाह के पंजीकरण के लिए नियमावली को लेकर प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए हर जिले में सामुदायिक केंद्र खोले जाने के लिए निर्देश दिए। मदरसों में व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास के पाठ्यक्रम को शामिल करने का निर्देश भी दिया। देवबंद के मौलाना का विवादित बयान, कहा मुस्लिम महिलाओं को नहीं करना चाहिए नौकरी Triple Talaq : गर्भपात से किया इंकार तो दे दिया तलाक, मुस्लिम महिला ने PM मोदी से मांगी मदद