मंगल को नवग्रहों में सेनापति का दर्जा दिया गया है.इसके साथ ही मंगल शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास और पराक्रम का स्वामी है. वहीं इसका मुख्य तत्त्व अग्नि तत्व है और इसका मुख्य रंग लाल है. इसकी धातु ताम्बा है और जौ लाल मसूर आदि इसकी दान के अनाज है. इसकी राशियां मेष और वृश्चिक हैं. इसकी अलावा मंगल मकर राशी में उच्च के होते है और कर्क राशी में नीच के होते हैं. वहीं चन्द्रमा पीड़ित होने पर मन खराब होने के साथ-साथ आत्मविश्वास और साहस भी कमजोर हो जाता है. इसके साथ ही व्यक्ति अक्सर कर्ज और मुकदमेबाजी में फंसा रहता है. चन्द्रमा और मंगल देव को कैसे करें प्रसन्न? - मंगलवार का उपवास रखें और इस दिन नमक का सेवन न करें. - नित्य प्रातः और सायंकाल हनुमान चालीसा का पाठ करें. - सोमवार के दिन एक लोटे में कच्चा दूध काला तिल और पानी मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. - सोमवार के दिन शाम के समय सफेद वस्तुओं का दान जरूरतमंद स्त्रियों को करें. - मंगल के मंत्र का जाप मध्य दोपहर करने से मंगल का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है. चन्द्रमा का मन्त्र - ॐ सोम सोमाय नमः - और नमः शिवाय मन्त्र का यथा सम्भव जाप करें मंगल के मंत्र - ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः - धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगल प्रणमाम्यहम जानिये क्या है मौत के करीब आने के संकेत, शास्त्रों में भी है इसका वर्णन आध्यात्मिक ज्ञान के जरिये से समझिये ब्रह्म और माया के बीच का रहस्य वेदों में इस मन्त्र को बताया है बड़ा ही लाभकारी, होती है सभी मनोकामनाएं पूरी