हर विवाहित व्यक्ति की इच्छा होती है की उसे भी संतान सुख प्राप्त हो. किन्तु कुछ व्यक्ति ऐसे होते है जिनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो पाती है और वह अपनी इसी इच्छा को पूरा करने के लिए डाक्टरों का सहारा लेते है तथा वहां से भी उनके हाथ निराशा ही लगती है . इसके बाद भी वह संतान प्राप्ति के हर संभव प्रयास करते है. आपने अक्सर सुना होगा की जहाँ दवा काम न करे वहां दुआ काम आती है यह बात बिलकुल सही है. आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएँगे जहाँ जाने से आपकी सूनी गोद जल्द ही भर जायेगी. यह मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के कोंडागाँव जिले विकासखंड मुख्यालय से 9 की.मी. दूर पश्चिम में आलोर गांव में स्थित है. इस मंदिर का कपाट वर्ष में केवल एक बार ही खुलते है जहाँ माता लिंगेश्वरी विराजमान है. मंदिर के पट खुलने पर पांच व्यक्ति रेत के ऊपर बने निशान को देखकर कुछ भविष्यवाणी करते है. यदि रेत पर बिल्ली के पंजे बने है तो अकाल और यदि घोड़े के पैर के चिन्ह है तो उसे युद्ध एवं कलह मानते है. इसी गाँव से 2 की.मी. दूर पश्चिमोत्तर में एक पहाड़ी है जिसका नाम लिंगाई माता है. इस पहाड़ी के ऊपर एक बहुत बड़ी चट्टान है इसी चट्टान के ऊपर एक बहुत बड़ा पत्थर है. जो ऊपर से तो सामान्य पत्थर की भांति प्रतीत होता है. किन्तु अन्दर से किसी स्तूप के सामान है. यह एक मंदिर है इसी मंदिर की दक्षिण दिशा में एक छोटी सी सुरंग है जो गुफा का प्रवेश द्वार है इसी गुफा के गर्भ में चट्टानों के मध्य एक प्राकृतिक शिवलिंग है. जो साल में केवल एक ही दिन यह खुलता है इन्हें शिव,शक्ति के समन्वित नाम लिंगाई माता के नाम से जाना जाता है. यहाँ ऐसी मान्यता है की जो भी दम्पति संतान की इच्छा लेकर यहाँ आता है उसकी इच्छा अवश्य पूरी होती है. इसके लिए उन्हें गुफा के अन्दर शिवलिंग पर संतान प्राप्ति की कामना लेकर खीरा चढ़ाना होता है. और फिर चढ़ाये हुए खीरे को अपने नाखून से चीरकर उस शिवलिंग के सामने बैठकर खाने के पश्चात ही गुफा से बाहर आना होता है. जिससे आपकी संतान पाने की मनोकामना पूर्ण होती है. घर के बाथरूम में ही छुपा होता है आपके धनवान बनने का राज़ अंजाने में आप रोज कर रहे ये गलतियां, जिससे हो रहा जीवन में बड़ा नुकसान क्या आपकी भी हथेली पर "M" ऐसा निशान बनता है होने वाले जीवन साथी का स्वाभाव ऐसे करें पता