सागर/ब्यूरो। गढ़ाकोटा निकाय चुनाव में नामांकन जमा करने के आखिरी दिन सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। आम आदमी पार्टी के पार्षद प्रत्याशी को भी नामांकन जमा करने से रोका गया। इस सूचना के बाद कलेक्टर, एसपी समेत मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। भाजपा ने आज ही सागर जिले के पार्षद प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की थी। निकाय चुनाव के दूसरे चरण में खुरई और गढ़ाकोटा नगर पालिका समेत कर्रापुर नगर परिषद में चुनाव होना है। उधर अभी भी स्थिति यह है कि प्रदेश में हो रहे 46 नगरीय निकायों के पार्षद पद के चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों के नाम का ऐलान सोमवार सुबह तक अधिकांश जिलों में नहीं कर सकी। कई निकायों के मामले में जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, चुनाव प्रभारी और विधायक के बीच खींचतान के चलते निकायों के प्रत्याशियों की सूचियां प्रदेश कार्यालय तक नहीं पहुंच सकी हैं। इस कारण सूची जारी होने में विलंब हुआ है और अब नामांकन वापसी के पहले ही फाइनल सूची रिटर्निंग अफसरों के पास पहुंचने वाली है। निकाय प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर पाने के चलते भाजपा ने निकायों में पार्षद पद की दावेदारी करने वाले नेताओं को नामांकन जमा करने के निर्देश दिए हैं ताकि जिसे भी टिकट फाइनल हो वह पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ सके और दूसरे दावेदार नामांकन वापसी के पहले अपना परचा वापस ले लें। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश संगठन ने दो स्तर पर सर्वे कराने के बाद सूची जारी करने के निर्देश दिए थे। पहला सर्वे प्रदेश संगठन अपने स्तर पर करा रहा है और दूसरा सर्वे जिला अध्यक्ष और वहां काम करने वाली टीम कराने वाली थी। इसमें पार्टी जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, चुनाव प्रभारी और विधायक की सहमति से सर्वे में सामने आने वाले नामों में जीतने वाले कैंडिडेट के नाम का पैनल भेजना था। इस पैनल को जिलों से अब तक नहीं भेजा जा सका है क्योंकि इसके लिए काम करने को अधिकृत जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, चुनाव प्रभारी और स्थानीय विधायक के बीच पटरी नहीं बैठ रहे हैं। सभी अपने समर्थकों को टिकट दिलाना चाह रहे हैं। इस कारण 11 सितम्बर की शाम तक मंगाई गई सूची अब तक कई जिलों ने नहीं भेजी है। यह सूची आज शाम या कल तक पहुंचने की संभावना है जिसके बाद प्रदेश संगठन नामों पर विचार कर सूची जारी करने की अनुमति देगा। राधिका का बोल्ड लुक सोशल मीडिया पर लगा रहा है आग बाढ़ की मार झेल रहे पाकिस्तानियों का सहारा बना मंदिर, कई मुस्लिम परिवारों को दे रहा 'पनाह' नहीं रहे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती, 'क्रांतिकारी साधु' के नाम से थे मशहूर