पेशाबकांड के पीड़ित की सरकार से मांग, कहा- 'जो होना था हो गया, अब उन्हें छोड़ दीजिए'

सीधी: मध्य प्रदेश का सीधी जिला बीते कुछ दिनों से पेशाबकांड के कारण ख़बरों में छाया हुआ है। इसे लेकर कांग्रेस ने सरकार पर जमकर हमला बोला। किन्तु पुलिस ने जिस प्रवेश शुक्ला को आदिवासी दशमत रावत के ऊपर पेशाब करने के इल्जाम में गिरफ्तार किया अब उसे ही छोड़ने की अपील की जा रही है। यह अपील कोई और नहीं बल्कि स्वयं पीड़ित ने की है। पीड़ित ने बताया कि हम आगे कुछ नहीं चाहते हैं। हमारी सरकार से यही मांग है कि जो गलती हो गई वो गई अब उसको छोड़ दीजिए।

एक वीडियो में पीड़ित रावत बोलते हैं, 'इससे आगे हम कुछ नहीं चाहते हैं। हमारी मांग यह ही है सरकार से जो गलती हो गई थी, हो गई अब उसको छोड़ दीजिए। प्रवेश शुक्ला को अब छोड़ दीजिए। जो होना था वो हो गया। उन्होंने स्वयं अपनी गलती महसूस कर ली है।' फिर जब पूछा जाता है कि इतना घिनौना कृत्य उसके पश्चात् भी आपकी ये मांग है तो पीड़ित कहते हैं हां हम मान लेते हैं। हमारे गांव के पंडित हैं। इसलिए हम अधिक नहीं कह रहे हैं। हमारी मांग है कि अब सरकार उसको छोड़ दे। आर्थिक सहायता के सवाल पर दशमत कहते हैं कि सब मिली है। मंत्री सब दे दिए हैं। हमारी मांग है कि अब उसे (प्रवेश शुक्ला) बरी कर दीजिए। हमारी और कोई मांग नहीं है।

मामले के तूल पकड़ने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित को सीएम आवास बुलाया था। यहां मुख्यमंत्री ने आदिवासी रावत से घटना को लेकर माफी मांगी। मुख्यमंत्री ने स्वयं उसके पैर धोकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया था। उन्होंने पीड़ित से कहा था कि घटना को लेकर उनका मन दुखी है। मेरे लिए जनता भगवान है। पीड़ित की पत्नी से भी बात की थी। मुख्यमंत्री ने रावत को सुदामा कहते हुए कहा कि अब तुम मेरे दोस्त हो। फिर दशमत रावत ने कहा था कि जो होना था वो हो गया।

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