वाशिंटन: अमेरिका और भारत ने बुधवार को 2 + 2 की वार्ता के दौरान राजनितिक और सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की गई। जंहा इसमें आतंकवाद का मुद्दा भी शामिल है। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक औद्योगिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए जो रक्षा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की अनुमति देने वाला है। बता दें कि यह वार्ता विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में आयोजित की गई थी। वार्ता के बाद अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने कहा कि भारत के साथ हमारे रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी संबंध बढ़ते जा रहे हैं। आज हमें औद्योगिक सुरक्षा अनुबंध (आईएसए) को अंतिम रूप देने पर गर्व है, जो हमारे रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग, महत्वपूर्ण सूचना और प्रौद्योगिकियों के सुरक्षित हस्तांतरण की अनुमति प्रदान करता है। जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने कहा कि हमने रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल के तहत तीन समझौतों को भी अंतिम रूप दिया है जो आने वाले समय में दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के सह-उत्पादन और सह-विकास की क्षमता को बढ़ाएगा। लेकिन वहीं बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बैठक के दौरान हमने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और हिंद महासागर क्षेत्र की स्थितियों के बारे में अपने आकलन को साझा किया। हमने पाकिस्तानी नेताओं द्वारा भारत विरोधी हिंसा के लिए बयानबाजी शांति के लिए अनुकूल नहीं होने को लेकर अपनी चिंता को भी सामने रखा गया है. आतंकवाद से भी मिलकर निपटेंगे दोनों देश: भारत और अमेरिका अपने द्विपक्षीय सहयोग को और बेहतर करने पर, रक्षा सौदे बढ़ाने पर, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति कयम रखने के लिए जापान जैसे देशों के साथ समन्यवय तेज करने की और आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू करने पर सहमत हुए। दोनों देशों के बीच राज्य प्रायोजित आतंकवाद, सीमापार से आतंकवाद के खतरे और इनसे निपटने पर भी चर्चा हुई। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट कर बताया है कि 2019 में दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ। वहीं इन संबंधो को आगे तक ले जाना है. अमेरिका के राष्ट्रपति पर चलेगा सत्ता के दुरुपयोग का महाभियोग, प्रस्ताव हुआ पास इन देशों में 25 नहीं 7 जनवरी को मनाया जाता है क्रिसमस वैज्ञानिकों ने किया खुलासा, कहा- सही नहीं है पहली महिला डॉक्टर की थ्योरी