नई दिल्लीः अमेरिका और चीन व्यापार युध्द में एक दूसरे से बुरी तरीके से उलझे हैं। आए दिन दोनों देश एक दूसरे के उत्पाद पर टैरिफ लगाते रहते हैं। इस बार अमेरिका ने चीन पर व्यापार में अनुचित प्रतिस्पर्धा का लाभ उठाने के लिए अपनी करेंसी युआन को जान बूझकर कमजोर करने का आरोप लगाया है और चीन को करेंसी मैनिपुलेटर्स की लिस्ट में डाल दिया है। मगर चीन ने इसका तगड़ा विरोध किया है। चीन की करेंसी युआन में तेज गिरावट आने पर वाशिंगटन की कड़ी प्रतिक्रिया आई थी। चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) की ओर से मंगलवार यानि कल कहा गया, ‘अमेरिका ने बीजिंग पर मुद्रा से छेड़छाड़ करने का अरोप लगाया है, हम इसका बहुत विरोध करते हैं।’ सोमवार की भारी गिरावट के बाद पीबीओसी ने युआन को संभाल लिया, मगर शेयर बाजार में गिरावट जारी रही। अमेरिका ने सोमवार की रात चीन को ऑफिसियल तौर पर मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करने वाले देशों (करेंसी मैनिपुलेटर्स) की लिस्ट में शामिल कर दिया था। वाशिंगटन ने चीन पर कारोबार में अनुचित स्पर्धा का फायदा लेने के लिए युआन का उपयोग करने का आरोप लगाया है। इस पर चीन की प्रतिक्रिया से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार के मोर्चे पर चल रहा टकराव और गहराने की संभावना बढ़ गई है। दोनों देश के बीच बढ़ता ट्रेड व्यापार दुनिया को वैश्विक मंदी की तरफ ले जा सकता है। पेट्रोल की कीमत में आज आई कमी,जानें नई कीमत ई-कॉमर्स कंपनियां छोटे शहरों की ओर कर रही रूख उद्योगपतियों ने सरकार के जम्मू-कश्मीर पर फैसले का स्वागत किया