नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सत्ता संभालते ही चीन के खिलाफ टैरिफ वार छेड़ दिया था। ट्रंप प्रशासन व्यापार के मामले में चीन पर काफी सख्त रूख अपनाए हुए है। चीनी उत्पादों पर जबरदस्त कर लगाए हैं। बदले में चीन ने भी यही कारवाई की है। दुनिया की इन दो बड़े अर्थव्यवस्थाओं में ट्रेड वार से दोनों देश प्रभावित हो रहे हैं। अगस्त में चीन का अमेरिका के साथ व्यापार दस फीसदी से अधिक घट गया है। दोनों देश आपसी विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत की तैयारी कर रहे हैं लेकिन शुल्क को लेकर मतभेद लगातार गहरा रहे हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के लिए भी चुनौती बना हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, चीन में अमेरिकी उत्पादों का आयात माह के दौरान 22.5 फीसदी घटा है। चीन ने अपनी शुल्क दरें बढ़ा दी हैं और कंपनियों को ऑर्डर रद्द करने को भी कहा है जिससे उसका अमेरिका से आयात नीचे आया है। चीन ने अपने निर्यातकों से अमेरिका के स्थान पर अन्य बाजारों में विकल्प तलाशने को कहा है। लेकिन कमजोर होती वैश्विक मांग की वजह से उन्हें इसमें दिक्कतें आ रही हैं। अगस्त में चीन का वैश्विक निर्यात तीन फीसदी घटा। जुलाई में चीन का वैश्विक निर्यात 12.2 फीसदी बढ़ा था। अमेरिका और चीन के वार्ताकार अक्टूबर में बातचीत की तैयारी कर रहे हैं। इसमें चीन के व्यापार अधिशेष और उसकी प्रौद्योगिकी विकास रणनीति को लेकर चर्चा होगी। दोनों पक्षों ने अभी तक इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए किसी तरह की रियायत देने का संकेत नहीं दिया है। यह ट्रेड वार अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी भारी पड़ रहा है। इस कंपनी ने अपने 540 कर्मियों को जॉब से निकाला इस अवधि तक पूरा हो सकता है इलाहाबाद बैंक के साथ इंडियन बैंक का विलय इस लैटिन अमेरिकी देश की अर्थव्यवस्था है बदहाल, लोग गरीबी और महंगाई से बेहाल