वाॅशिंगटन। अमेरिका में पढ़ने के लिए आने वाले विदेशी विद्यार्थियों की संख्या में कमी आई है। ऐसा डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद हुआ है। इसका व्यापक असर अमेरिका के 10 सबसे बड़े विश्वविद्यालयों पर हुआ है। यहां पर करीब 27 हजार विद्यार्थियों में केवल 1900 अंतर्राष्ट्रीय विविद्यार्थी हैं। इनकी संख्या में ट्रंप का कार्यकाल प्रारंभ होने के बाद कमी आई है। पश्चिम एशिया के विद्यार्थियों की संख्या भी इस बार बेहद कम हुई है। गौरतलब है कि अमेरीकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेशों को लेकर अपनाई जाने वाली नीतियों और अमेरिका में बढ़ने वाली कथित हिंसक घटनाओं के कारण अमेरिकी विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले विदेशी विद्यार्थियों की संख्या में बेहद कमी आई है। हालांकि न्यूयाॅर्क विश्वविद्यालया, यूनिवर्सिटी आॅफ सदर्न कैलिफोर्निया और नाॅर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी द्वारा कहा गया है कि यहां पर विदेशी विद्यार्थियों की तादाद अधिक रही है। पोर्टलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष विम विवेल ने कहा कि हैदराबाद के 10 संभावित विद्यार्थियों से उन्होंने भेंट की। काउंसलिंग सेशन के अंतर्गत अमेरिका में निवास करने वालों को लेकर एक डर जरूर देखने को मिला। ओहायो विश्वविद्यालय में भी विार्थियों का प्रवेश प्रतिशत कम हो गया है। विद्यार्थियों की संख्या में काफी कमी आई इस मामले में कहा गया कि अमेरिका में ट्रैवल बैन आॅर्डर नहीं आया था जिसके कारण विद्यार्थियों में असमंजस की स्थिति रही। वीजा बैन पर ट्रंप ने कहा, अधिकार क्षेत्र से बाहर न जाए अदालत ट्रंप हुए आक्रामक : CIA को दिया ड्रोन हमले करने का अधिकार, पाक की मुश्किल बढ़ी भारतीय महिला के तीखे सवाल पर तिलमिलाए ट्रम्प के अधिकारी