वाशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका में एक अदालत ने निर्णय सुनाया कि बाइडन प्रशासन सोशल मीडिया पर मौजूद किसी भी सामग्री के लिए दबाव नहीं डाल सकता और न नियंत्रित भी कर सकता है। कोर्ट ने प्रशासन को कंपनियों से दूर रहने के निर्देश दे दिए है। न्यायाधीश टेरी डौटी ने लुइसियाना और मिसौरी में रिपब्लिकन अटॉर्नी जनरल द्वारा दायर एक शिकायत के जवाब में निषेधाज्ञा का आदेश भी दे दिया है। मुकदमा मूल रूप से मिसौरी के अटॉर्नी जनरल एरिक श्मिट और लुइसियाना अटॉर्नी जनरल जेफ लैंड्री द्वारा दायर कर दिया गया था। श्मिट को नवंबर में अमेरिकी सीनेट के लिए चुना गया। उन्होंने इस बारें में कहा है कि यह स्वतंत्र भाषण की जीत भी कही जा रही है। बता दें कि मिसौरी के रिपब्लिकन सीनेटर एरिक श्मिट ने बाइडन प्रशासन पर एक विशाल सेंसरशिप उद्यम बनाने का इल्जाम लगाते हुए निर्णय को प्रथम संशोधन के लिए एक बड़ी जीत और सेंसरशिप के लिए एक झटका भी कहा है। वहीं यह आदेश सभी मुद्दों के लिए नहीं होने वाले। अगर प्रशासन को राष्ट्रीय सुरक्षा और आपराधिक गतिविधि को लेकर आपत्ति हुई तो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ संवाद भी कर सकेगा। अमेरिका के इस अखबार ने की भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों की सराहना अमेरिका में एकसाथ 10 हज़ार लोगों ने किया 'श्रीमद भगवत गीता' का पाठ, गुरु पूर्णिमा पर हुआ विशेष आयोजन ये है दुनिया की सबसे डरावनी जगह, जहां जाना है साफ़ मना