वाशिंगटन: अमेरिका के रक्षा विभाग के अधिकारियों ने राष्ट्रपति ट्रंप का विरोध करते हुए कहा है कि अब तक ये बात पूरी तरह से साफ़ नहीं हुई हैं कि बेरुत में बड़े पैमाने पर कोई विस्फोटक 'हमला' हुआ था. वहीं इस बात का पता चला है कि 'अमेरिका के रक्षा केंद्र के 3 अधिकारियों ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि ट्रंप वास्तव में क्या बात की जा रही थी.' CNN के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि अगर उस क्षेत्र में किसी बड़े हमले और साजिश के बारें में कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है, तो क्षेत्र में अमेरिका के सैनिकों की वृद्धि शुरू हो सकती है. जिसके पहले, मंगलवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए, ट्रंप ने विस्फोट होने के उपरांत लेबनान के लोगों के प्रति सहानुभूति जताई थी और उन्होंने इस घटना को 'गंभीर हमले' का करार दिया. व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से वार्तालाप में ट्रंप ने बताया था, 'अमेरिका की सेना के कई जनरल ने मुझे कहा है कि बेरुत का धमाका किसी तरह के बम से इस घटना को पूरा किया गया था. लेबनान ने इसे हमला नहीं कहा है लेकिन ये ऐसा ही प्रतीत होता है. ट्रंप ने आगे बताया कि ये किसी भी तरह से देखा जाए दुनिया के लिए एक हानि पहुंचने जैसा ही है. ट्रंप ने दावा किया कि ये एक बेहद घातक हमले की तरह दिखई दे रहा है.' जंहा इस बारें में उन्होंने आगे कहा कि लेबनान को इस घटना को बम धमाके के एंगल से कार्रवाई की जा रही है. जंहा इस बात का पता चला है कि लेबनान की बेरुत में मंगलवार को एक बड़ा विस्फोट हुआ था, जिससे कई इमारतों को हानि पहुंची. अल जज़ीरा ने कहा था कि धमाके का बल काफी अधिक था और इससे सड़कों पर दहशत फैल गई और हर स्थान कांच के टुकड़े नज़र आ रहे है. हालांकि विस्फोट की वजह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन आरंभिक रिपोर्टों में बताया गया है कि विस्फोट बेरुत के बंदरगाह क्षेत्र में हुआ था जिसमें गोदाम थे. उनमें एक गोदाम में पटाखे जमा किए गए थे, जहां धमाका किया गया. चाँद पर जाने वाले प्रथम व्यक्ति थे नील आर्मस्ट्रांग लेबनान की राजधानी बेरूत में बड़े धमाके से घायल हुए 4000 लोग, एमरजेंसी लागू कोरोना से निपटने में असफल रहे चीन ने की फिर की ओछी हरकत