धर्मशाला। तिब्बती धर्मगुरू दलाईलामा से अमेरिका के प्रतिनिधि मंडल ने धर्मशाला में भेंट की। इस दौरान करीब 8 सदस् थे। प्रतिनिधिमंडल ने तिब्बतियों को लेकर अमेरिका के कमिटमेंट को दोहराया। इतना ही नहीं अमेरिकी संसद में चीन के अधिकारियों के वीज़ा प्रतिबंध को लेकर चर्चा की गई। जिसमें मांग की गई कि चीन के आॅफिशियल्स पर प्रतिबंध लगाया जाए। इस मामले में यह बात कही गई कि जिस तरह से तिब्बती अमेरिकियों को तिब्बत जाने के लिए चीन पाबंदी लगाता रहा है उसी तरह से चीन के आॅफिशियल्स के यूएस वीज़ा पर रोक लगाई जाना चाहिए। भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल द्वारा हाउस आॅफ रिप्रेजेेंटेटिव चुनी गईं। डेलिगेशन द्वारा तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा से उनके निवास पर भेंट की गई थी। जो डेलिगेशन भारत पहुंचा है उसमें पेलोसी के अलावा जिम सेंसनब्रेनर,इलियट एंगल,जिम मैकगवर्न,बेट्टी मैककोलम,जुडी चू,जॉयसी बेट्टी और प्रमिला जयपाल शामिल हैं। भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल पहली बार हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में चुनी गई हैं।डेलिगेशन ने तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से उनके आवास पर मुलाकात की। गौरतलब है कि 1959 में दलाई लामा चीन से भारत आए थे। उन्होंने भारत में शरण ली है और वे भारत में रहते हैं। चीन के रवैये पर अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि तिब्बती अमेरिकी अपने जन्म स्थान पर जाने की लंबे वक्त से कोशिश कर रहे हैं। मगर चीन इन्हें जाने नहीं देना चाहता अब यह रवैया अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।अगर चीन चाहता है कि उसके सिटिजन और ऑफिशियल्स यूएस में आगे भी आजादी से आ जा सकें तो उसे भी अमेरिकियों को तिब्बत और चीन में आने.जाने की इजाजत देनी होगी। आज ही के दिन हुआ था आतंक के जिन्न का अंत उत्तर कोरिया के विरूद्ध बजा युद्ध का बिगुल हक्कानी नेटवर्क का उपयोग अफगानिस्तान और भारत के खिलाफ कर रहा पाकिस्तान