अमेरिका-उत्तर कोरिया को 68 साल पुरानी दुश्मनी के अंत की उम्मीद

बुधवार को अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात से पहले सीआईए के चीफ ने किम से मुलाकात की. कहा गया है कि सीआईए के निदेशक माइक पंपेओ प्योंगयांग के एक गोपनीय दौरे में किम जोंग उन से मुलाकात कर चुके है. ट्रंप ने कहा कि सीआईए के निदेशक माइक पंपेओ पिछले हफ्ते किम से मिले थे. ट्रंप पंपेओ को विदेश मंत्री के पद के लिए नामित भी कर चुके हैं. ट्रंप ने कहा, शिखर वार्ता जून में या उससे पहले हो सकती है. उन्होंने कहा था कि बैठक के लिए पांच स्थलों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन यह अमेरिका में नहीं है.

ट्रंप ने कहा, 'मैं किम जोंग उन के साथ मुलाकात के लिए उत्साहित हूं और उम्मीद है कि यह सफल होगी. हो सकता है कि ऐसा हो या हो सकता है कि ऐसा ना हो. हमें नहीं पता, लेकिन हम देखेंगे कि क्या होता है. मैं यह कह सकता हूं कि वे हमारा सम्मान करते हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. देखते हैं, क्या होता है.' इसी सिलसिले में 'वाशिंगटन पोस्ट' अखबार ने मंगलवार को अपनी खबर में कहा था कि पंपेओ अप्रैल के पहले सप्ताहांत में उत्तर कोरिया गए थे. अखबार के अनुसार यह मुलाकात आने वाले हफ्तों में ट्रंप और किम के बीच होने वाली ऐतिहासिक बैठक की तैयारी के तहत हुई. 

दक्षिण कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी योनहैप की खबर के अनुसार देश के राष्ट्रपति मून जाई इन और किम अगले हफ्ते (27 अप्रैल) मिलने वाले हैं. दोनों देश शिखर वार्ता के हिस्सों का सीधा प्रसारण करने पर भी सहमत हुए हैं. इस बैठक को 'साउथ-नॉर्थ समिट 2018' नाम दिया गया है. इस मुलाकात कजे बाद 68 साल से चली आ रही दुश्‍मनी के खात्मे कि उम्मीद भी की जा रही है.

 

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