नई दिल्ली: दुनिया के नंबर वन टेनिस प्लेयर नोवाक जोकोविच एक साल में चारों ग्रैंड स्लैम नहीं जीत पाने से बहुत निराश नज़र आए। रविवार दो देर रात को US ओपन में मेन्स सिंगल्स फाइनल में जोकोविच को शिकस्त झेलनी पड़ी। उन्हें रूसी प्लेयर डेनिल मेदवेदेव ने एक तरफा मुलाबले में 6-4, 6-4, 6-4 से मात देकर खिताब अपने नाम किया। जोकोविच इस शिकस्त से काफी गुस्से में दिखाई दिए। वे गुस्सा में रैकेट को तब तक कोर्ट पर पटकते रहे, जब तक रैकेट टूट नहीं गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। MOOD ???? #USOpen #Novak #Djokovic #Medvedev #usopenespn pic.twitter.com/3BlHfktqvb — Freaknoise! (@Freaknoisemusic) September 12, 2021 हालांकि, ऐसा पहली दफा नहीं हुआ है, जब जोकोविच ने गुस्से में रैकेट तोड़ा हो। इससे पहले Tokyo Olympics में जोकोविच ने स्पेन के पाब्लो कारेनो बुस्टा के खिलाफ कांस्य पदक मुकाबले में कई बार आपा खोया। उन्होंने कभी रैकेट को स्टैंड में फेंका, तो कभी रैकेट को नेट पर दे मारा। इससे उनका रैकेट टूट गया। गत वर्ष भी US ओपन में जोकोविच ने तैश में आकर लाइन जज को गेंद मार दी थी। इसके बाद उन्हें टूर्नामेंट से डिस्कॉलिफाई कर दिया गया था। स्पेन के पाब्लो कार्रेनो बुस्टा के विरुद्ध खेले गए इस मुकाबले के पहले सेट में 6-5 से पिछड़ने के बाद जोकोविच निराश थे। इसी निराशा में उन्होंने अपनी जेब से टेनिस बॉल निकालकर रैकेट से एक ओर मारी। ये गेंद सीधे जाकर वहां खड़ी महिला लाइन जज को लग गई। ग्रैंड स्लैम के नियमों के तहत जोकोविच को उसी वक़्त इस टूर्नामेंट से डिस्कॉलिफाई कर दिया गया था। Djokovic is in tears at the changeover. ???? #usopen pic.twitter.com/UcwP6PQHrS — Tennis GIFs ???????? (@tennis_gifs) September 12, 2021 बता दें कि नोवाक जोकोविच ने वर्ष 2018 में चौथे विंबलडन खिताब जीतने के बाद खुशी मनाई थी। उन्होंने फाइनल में केविन एंडरसन को 6-2, 6-2, 7-6 (7/3) से मात दी थी। इससे पहले 2011, 2014, और 2015 में वे ख़िताब जीत चुके हैं। उन्होंने विंबलडन में 2011 में पहला खिताब जीतने के बाद भी उन्होंने घास खाकर ख़ुशी प्रकट की थी। जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ब्रेंडन टेलर ने किया सन्यास का ऐलान, इस दिन खेलेंगे अंतिम मुकाबला 'बुक लॉन्च विवाद' को लेकर टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने दिया चौंकाने वाला बयान कोरोना संक्रमित भारतीय कोच रवि शास्त्री समेत स्टाफ को भारत आने के लिए माननी होगी ये शर्त