वॉशिंगटन। पाकिस्तान द्वारा कथित तौर पर आतंकवाद को समर्थन दिया जाना उसके लिए ही गले की फाॅंस बन गया है। जी हां, यूएस सीनेटर जाॅन मैक्केन ने संशोधन बिल पेश करते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान किसी आतंकी समूह को सपोर्ट करना जारी रखता है तो फिर अमेरिका को इकोनाॅमिक, मिलिट्री व डिप्लोमैटिक जुर्माना वसूल करना चाहिए। जाॅन मैक्केन ने कहा कि यदि हक्कानी नेटवर्क व तालिबान को सहयोग करना जारी रखता है तो फिर अमेरिका को इस तरह के प्रयास करने होंगे। जाॅन मैक्केन का कहना था कि यह तय किया जाए कि युद्ध प्रभावित देश को अमेरिका के विरूद्ध आतंकी हमले के लिए लाॅन्च पैड के तौर पर उपयोग न किया जा सके। उन्होंने कहा कि वे नेशनल डिफेंस आॅथराइजेशन एक्ट 2018 में सुधार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत भी आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान आतंकियों की पनाहगाह है, वह आतंकी समूहों को सहयोग करता रहा है। जिस बिल का मैक्केन समर्थन कर रहे हैं उसमें कहा गया है कि यदि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को सहयोग करता रहा तो फिर राजनीतिक तौर पर, सैन्य साजो सामान और अन्य सहायता दिए जाने के स्तर पर और आर्थिक मूल्य वसूलने को लेकर उससे कीमत वसूली जाए। मैक्केन ने कहा कि अमेरिका को रीजनल डिप्लोमैसी को बढ़ाने हेतु प्रयास करने चाहिए। इस हेतु अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, इंडिया, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान व तुर्कमेनिस्तान आदि देशों के साथ चर्चा का लोचशील स्ट्रक्चर तैयार करे जिससे अफगानिस्तान में राजनीतिक मेलजोल को बढ़ाया जा सके। गौरतलब है कि इसी माह अमेरिका ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका देते हुए उसे 350 मिलियन डॉलर करीब 2000 करोड़ रुपए की मदद नहीं देने का फैसला किया था। अमेरिका ने यह फैसला इसलिए किया, क्योंकि पाकिस्तान ने आतंकवाद को रोकने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है। पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टम्प ने कहा कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई के अपने वादे को पूरी तरह नहीं निभाया है। पाकिस्तान पर सख्ती के लिए अमेरिकी संसद में बिल हुआ पेश NIA ने दी गृहमंत्रालय को सलाह, पाकिस्तान से बंद हो क्राॅस बाॅर्डर ट्रेड लगातार आतंकवाद का दंश झेल रहा भारत, अमेरिकी रिपोर्ट में हुआ खुलासा