नॉर्थ कोरिया से लोटे अमेरिकी स्टूडेंट की मौत, किया गया था टॉर्चर

वॉशिंगटन: नॉर्थ कोरिया से लौटे एक अमेरिकी स्टूडेंट की कोमा में चले जाने के बाद मौत हो गयी है. बताया गया है कि यह अमेरिकी स्टूडेंट नॉर्थ कोरिया में डेढ़ साल जेल की सजा काटकर कोमा की हालत में अमेरिका लोटा था, जिसके बाद उसकी मौत हो गयी है. अमेरिकी स्टूडेंट का नाम ओटो वार्मबियर बताया गया है. जिसे नार्थ कोरिया में प्रोपेगैंडा पोस्टर चोरी करने के आरोप में अरेस्ट किया गया था. अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे नॉर्थ कोरिया की कायरता करार दिया है. ट्रंप ने ट्वीट पर कहा कि किसी भी परिवार के लिए कम उम्र में अपने बच्चे को खोने से बड़ा दुख कुछ नहीं हो सकता है. नार्थ कोरिया ने यह कायरता वाली हरकत की है.

मिली जानकारी में बताया गया है कि 21 साल का वार्मबियर नॉर्थ कोरिया में 17 महीने की जेल की सजा काटकर 13 जून को लोटा था. जब वह अमेरिका लाया गया था तब कोमा की हालत में था और ना सुन सकता था और न बोल सकता था.  नॉर्थ कोरिया ने उसकी इस हालत के लिए फूड प्वॉइजनिंग को जिम्मेदार बताते हुए मानवीय आधार पर उसे रिहा करने की बात कही थी, किन्तु उसके शरीर व सर पर चोंट के निशान थे. वार्मबियर के सिर में गहरी चोटें लगी थीं, जिसके बाद उसे सिनसिनाटी के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था.

अमेरिकी स्टूडेंट ओटो वार्मबियर के पेरेंट्स ने बताया कि उनके बेटे को नार्थ कोरिया में बहुत ज्यादा टॉर्चर और मारपीट की गयी, जिसकी वजह से वह कोमा में चला गया और उसकी मौत हो गयी. वार्मबियर वर्जिनिया यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट था. और बीते साल 2 जनवरी को वो नॉर्थ कोरिया के सफर पर गया था. जहा एयरपोर्ट से ही प्रोपेगैंडा पोस्टर चुराने के आरोप में अरेस्ट कर 15 साल की सजा सुनाई गई थी. किन्तु 17 महीने की जेल काटने के बाद उसकी मौत हो गयी. 

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