अब भारत तक चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी हुवावे और अमेरिकी सरकार की लड़ाई पहुंच गई है. गूगल, फेसबुक और आईटेल जैसी कंपनियों ने पिछले महीने ही सरकार के आदेश के बाद हुवावे को सपोर्ट ना करने की बात की थी, वहीं अब अमेरिका ने भारत को भी चेतावनी दी है. अमेरिका ने कहा है कि यदि कोई भारतीय कंपनी अमेरिकी कंपनियों द्वारा बने पार्ट्स या किसी प्रकार का प्रोडक्ट्स हुवावे को सप्लाई करती है. तो उसके ऊपर कार्रवाई की जा सकती है. भारत सरकार को अमेरिकी सरकार ने इसके लिए बकायदा चिट्ठी भी भेजी है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से Nubia Red Magic 3 Vs Black shark 2 Vs OnePlus 7 में से कौन है बेहतर अगर बात करें दूसरे नजरिये की तो इसे अमेरिका द्वारा भारत पर चाइनीज कंपनियों पर दबाव बनाने का प्रयास माना जा रहा है. वहीं अमेरिका द्वारा पत्र मिलने के बाद मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स ने हुवावे पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस, नीति आयोग, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स, मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स और प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर की राय मांगी है. Motorola One Power की कीमत में जबरदस्त गिरावट, ये है फीचर आपकी जानकारी के लिए बता दे कि प्राग में 5जी कॉन्फेंस हुआ जिसमें अमेरिका ने कहा था कि उसने अमेरिका के अलावा चीन में रजिस्टर्ड 35 कंपनियों और हुवावे श्रीलंका, हुवावे पाकिस्तान और हुवावे हांगकांग जैसी कंपनी की सहयोगी कंपनियों पर भी नजर रखी जा रही है. वहीं इस कॉन्फ्रेंस की सिफारिशों की बात करें तो कॉन्फ्रेंस में कहा गया था कि पूरी दुनिया में 5जी का एक ही स्टैंडर्ड्स होना चाहिए.वहीं इस कॉन्फ्रेंस में सुरक्षित और सिक्योर कंम्यूनिकेशन नेटवर्क की भी बात की गई. 5जी के सबसे ज्यादा पेटेंट हुवावे के पास ही है. ऐसे में 5जी मार्केट में हुवावे का दबदबा होगा, लेकिन अमेरिकी कंपनियों पर हुवावे को इक्विपमेंट सप्लाई पर प्रतिबंध से हुवावे को काफी नुकसान होगा और कंपनी की आगे की राह मुश्किल होगी. Revolt की ये बेस्ट लुकिंग बाइक एक बार चार्ज पर देगी 156 का माइलेज आज भारत में लॉन्च होगा शानदार Asus 6Z, देखना न भूले लाइव स्ट्रीम 2020 iPhone स्मार्टफोन 5 सपोर्ट से होगा लैस