जकार्ता: इंडोनेशिया के पूर्वी जावा में इस्लामिक संगठन नहदलातुल उलमा (Nahdlatul Ulama) की तरफ से देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के इस्तेमाल के खिलाफ एक ‘फतवा’ जारी किया गया है. इसमें क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को इस्लामिक कानून शरिया के तहत प्रतिबंधित बताया गया है. धार्मिक निकाय ने एक लंबी चर्चा के बाद यह फैसला लिया है. अपनी चर्चाओं के दौरान इसने कथित तौर पर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग इस्लामी शरिया कानून के तहत वैध नहीं है. बता दें कि ये कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब इंडोनेशियाई लोगों ने नई डिजिटल करेंसी में बड़ी दिलचस्पी दिखाई है. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इंडोनेशिया क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध नहीं लगाएगा. हालांकि, ये सुनिश्चित करेगा कि इसका उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए न किया जाए. इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री मुहम्मद लुथफी (Muhammad Luthfi) ने जोर देते हुए कहा था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं किया जाएगा, लेकिन नियमों को सख्त किया जाएगा. रिपोर्ट्स के अनुसार, इंडोनेशिया में बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम को संपत्ति माना जाता है, जिसका कारोबार किया जा सकता है. लेकिन भुगतान के लिए इनका उपयोग नहीं किया जा सकता है. बता दें कि देश में घरेलू एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी में इजाफा देखा गया है. लाखों की तादाद में लोग इसके माध्यम से व्यापार कर रहे हैं. पिछले महीने बिटकॉइन फ्यूचर्स एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किया गया था. इसका मूल्य 66,000 डॉलर से ऊपर पहुंच गया, इस तरह इसने एक एक नई ऊंचाई प्राप्त की. पीएम मोदी और जॉनसन ने COP26 में रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स पहल के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर किया लॉन्च तालिबान राज में पेट भरने के लिए अपने बच्चे बेच रहे लोग, अफगानिस्तान में दयनीय हुए हालात बोरिस जॉनसन नेट-जीरो क्लाइमेट पॉलिसी के प्रति मोदी की प्रतिबद्धता की सराहना की