नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत में एक याचिका दाखिल करते हुए केंद्र सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि पीएम केयर्स फंड का उपयोग कोरोना वैक्सीन खरीदने, 738 जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने और आवश्यक मेडिकल उपकरणों के लिए किया जाए. ये याचिका शीर्ष अदालत के वकील विप्लव शर्मा ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि सभी राज्यों के विधायकों/सांसदों को यह भी निर्देश दिए जाएं कि वे इस आपदा के समय अपने विधानसभा/संसदीय क्षेत्र में पूरी पारदर्शिता के साथ MP/MLA फंड का उपयोग करें. विप्लव शर्मा ने याचिका में यह भी अपील की है सभी निजी और चैरिटेबल अस्पताल अपने मरीजों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करें और उसे उपलब्ध कराएं. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करवाने संबंधित निर्देश दिया जाए. इसके साथ ही सभी शहरों में बिजली आधारित शवदाहगृह बनाने और मौजूदा इलेक्ट्रिक सुविधा युक्त श्मशान घाटों की स्थिति को सुधारने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश देने की मांग याचिका में की गई है. शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से अस्पताल और सुविधाओं के अभाव में कोरोना मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं, इसलिए अदालत सभी 738 जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड के उपयोग को अनुमति दें. याचिका में केंद्र सरकार द्वारा 24 अप्रैल को मेडिकल उपकरणों पर तीन माह के लिए आयात शुल्क को हटाए जाने के अधिसूचना को भी चुनौती दी गई है. सिप्ला लिमिटेड में हुआ 412 करोड़ रुपये का इजाफा, शेयरों में आया 0.60 प्रतिशत से अधिक का उछाल आरबीआई के पुनर्गठन फ्रेमवर्क 1.0 के तहत लाभ वाले एमएसएमई को मिल सकती है राहत अप्रैल में 30 अरब डॉलर बढ़ा भारत, आयात में भी देखी गई वृद्धि