रक्षा बंधन भाई-बहन का त्यौहार है. जिसमे बहने अपने भाई की कलाई रंग-बिरंगी राखिया बांधती है. इसके लिए मार्केट भी सज गया है. लेकिन इस बार बहने अपने भाई को मार्केट से खरीदी राखिया ना बांधकर वैदिक राखियां बांधे. इससे भाई के जीवन में खुशहाली आएगी. जानिए कैसे बनती है वैदिक राखी: इस राखी को बनाने में 5 वस्तुओं की आवश्यकता होती है. 1. दूब (घास) 2. अक्षत (चावल) 3. केसर 4. चंदन 5. पीली सरसों के दाने इन पांचों वस्तुओं को रेशम के कपड़े में बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावा में पिरो दें। इस प्रकार आपकी वैदिक राखी तैयार होती है. वैदिक राखी में प्रयुक्त चीजों का महत्व 1. दूब राखी मे दूब की अवधारणा यह है कि जिस प्रकार दूब का अंकुर बो देने पर तेजी से फैलता है और हजारों की संख्या में उग जाता है. उसी प्रकार भाई का वंश और उसके सद्गगुणों का विकास हो. सदाचार मन की पवित्रता तेजी से बढ़ती जाए. 2. अक्षत (चावल) राखी मे अक्षत की अवधारणा यह है कि हमारी भाई के प्रति श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत न हो, सदैव बनी रहे. 3. केसर राखी मे केसर की अवधारणा यह है कि जिस प्रकार केसर की प्रकृति तेज होती है उसी प्रकार हमारा भाई भी तेजस्वी हो. उसके जीवन में आध्यात्मिकता एवं भक्ति का तेज कभी भी कम न हो. 4. चंदन राखी मे चंदन की अवधारणा यह है कि चंदन सुगंध और शीतलता देता है उसी प्रकार भाई के जीवन में कभी मानसिक तनाव न हो. उसका जीवन सुगंध और शीतलता से ओतप्रोत हो. 5. पीली सरसों के दाने राखी मे पीली सरसों के दाने की अवधारणा यह है कि जिस प्रकार सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है उसी प्रकार उसका भाई समाज के दुर्गुणों एवं बुराइयों को समाप्त करने में तीक्ष्ण बने. वैदिक राखी बांधने की विधि पांच वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को सर्वप्रथम अपने ईष्ट को अर्पित करनी चाहिए, फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधे. शुभ महूर्त में बंधे राखी, 2 घंटे ही बंधेगी राखी राखी पर अपने भाई को बांधे अपने हाथ से बंधी राखियां BSNL लाया 74 रुपए का 'राखी पे सौगात' ऑफर