जेलर : तुम्हे कल सुबह 5 बजे फांसी दी जाएगी. संता सरदार : हा हा हा. जेलर : क्या हुआ, फांसी की सजा सुन के तुम हंस क्यों रहे हो? संता सरदार : फांसी की सजा सुन के नहीं मैं तो टाईम का सुन के हंस रहा हूँ. जेलर : क्यों? संता सरदार : क्योकि, मैं तो उठता ही सुबह 9 बजे हूँ..