लखनऊ: उत्तर प्रदेश में फरवरी माह में हुई इन्वेस्टर्स समिट के दौरान फूलों की सजावट में ही बड़ा घपला सामने आया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि 65 लाख रुपए के काम के लिए 2.48 करोड़ रुपए के बिल लगाए गए। वहीं बता दें कि 1.82 करोड़ रुपए के फर्जी बिल पाए जाने पर कृषि उत्पादन आयुक्त एपीसी ने संबंधित उप निदेशक उद्यान, निरीक्षक व लेखाकार को तत्काल निलंबित कर सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और इनसे 86 लाख रुपए वसूलने की सिफारिश करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जांच रिपोर्ट भेजी है। उज्जैन: बीजेपी सांसद ने महाकाल मंदिर परिसर में पुलिसवालों को दी गालियां यहां बता दें कि इतना ही नहीं शेष 96 लाख रुपए के भुगतान पर रोक लगाने और उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के उच्चाधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उनके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की संस्तुति की गई है। गौरतलब है कि भव्यता के साथ आयोजित किए गए इन्वेस्टर्स समिट के मौके पर आयोजन स्थल व पहुंच मार्गों में फूलों की सजावट करने की जिम्मेदारी उद्यान विभाग को सौंपी गई थी। लेकिन सजावट में घपले की मुख्यमंत्री से शिकायत पर एपीसी डॉ. प्रभात कुमार ने समिति बनाकर जांच कराई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बता दें कि सूत्रों के अनुसार जांच में ज्यादातर कोटेशन फर्जी ही पाए गए है। 12 साल की उम्र में दिया लाइसेंस, जांच के आदेश इसके साथ ही बता दें कि जो फर्में बंद हैं या है ही नहीं, उनके नाम से मनमाने दर के कोटेशन लगाए गए। न केवल फूलों के गमलों का ज्यादा मूल्य बल्कि इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में 80 हजार गमलों की सजावट दिखाई गई। जांच समिति ने पाया कि प्रतिष्ठान में इतने अधिक गमले रखना संभव ही नहीं है। आलमबाग राजकीय उद्यान के तत्कालीन अधीक्षक (वर्तमान में उप निदेशक उद्यान) धर्मपाल यादव ने अधिकार न होने के बावजूद 1.52 करोड़ रुपए का भुगतान किया। 96.1 लाख रुपए का शेष भुगतान बताया। खबरें और भी भीम आर्मी की हुंकार, देश भर के सभी हनुमान मंदिरों में कब्ज़ा करे दलित समुदाय असम: इंटरसिटी ट्रेन में हुआ विस्फोट, एहतियात के तौर पर कराया गया ट्रेनों को खाली पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए बेटी की जगह मां को पहनना पड़ा दुल्हन का लिबास