लखनऊ: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के एक निजी ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान चिकित्सक ने महिला को मृत बताकर परिजन को सौंप दिया। वहीं, महिला की मौत की खबर मिलने पर गांव में नाते-रिश्तेदार अंतिम संस्कार के लिए इकठ्ठा हो गए। दाह संस्कार की तैयारी होने लगी। इधर, जब परिजन महिला का शव लेकर घर जा रहे थे, तभी मक्खनपुर के पास महिला को होश आ गया। घर पहुंचने पर गोदान कराने के साथ ही महिला को चाय पिलाई गई। हालांकि बुधवार (4 जनवरी) की सुबह महिला की मौत हो गई। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। थाना जसराना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव विलासपुर निवासी सुघर सिंह की पत्नी हरिभेजी (81) की तबीयत खराब होने पर परिवार वालों ने उन्हें 23 दिसंबर को फिरोजाबाद के प्राइवेट ट्रॉमा सेंटर में एडमिट कराया था। परिजन और डॉक्टर उनकी निगरानी कर रहे थे। मंगलवार को डॉक्टर ने परिजनों से कहा कि मरीज की सांसें थम गई हैं। उनका दिल और दिमाग डेड हो चुका है। यह कहकर डॉक्टर ने मरीज को घर ले जाने का कह दिया और अस्पताल से छुट्टी दे दी। जिसके बाद परिजनों ने महिला को मृत मानकर रिश्तेदारों को खबर कर दी। इसके बाद परिजन महिला को लेकर घर वापस जा रहे थे कि तभी मक्खनपुर के पास गाड़ी को झटका लगने पर महिला की सांसें वापस आ गई। महिला को इस दौरान उल्टी हुई और वह में होश आ गई। परिजन यह देख खुश हो गए। वे महिला को लेकर सीधे घर पहुंचे और उनकी सेवा की। हालांकि बुधवार को सुबह महिला का निधन होने के बाद परिवारवालों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया। हरिभेजी के पुत्र सुग्रीव सिंह यादव ने बताया कि अस्पताल से घर लाते वक़्त अचानक उनकी मां की सांसें लौट आईं। सांसे लौटने पर परिजनों ने खुशी में उनको चाय पिलाने के साथ ही गोदान की प्रक्रिया पूरी कराई। गोदान के बाद हरिभेजी की सांसें फिर थम गईं। 'बाहर आने दो, सबको देख लूंगा..', दिल्ली के 'मसाज वाले मंत्री' सत्येंद्र जैन ने जेल अफसरों को दी धमकी कर्नाटक: लव जिहाद पर कानून बनाने की मांग, VHP ने उठाया बहन-बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा जम्मू कश्मीर: अब आतंकवाद को दिया जाएगा मुंहतोड़ जवाब, CRPF के 1800 जवान रवाना