लखनऊ: उत्तर प्रदेश ATS द्वारा अरेस्ट किए गए दोनों मौलानाओं पर 1000 हिन्दुओं का धर्मांतरण कर के उन्हें मुस्लिम बनाने का आरोप लगा है। ये गिरोह विशेष कर के मूक-बधिर बच्चों को अपना शिकार बनाता था। मौलानाओं जहाँगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। अब इनसे पूछताछ में कई राज़ खुले हैं। अब सामने आया है कि ये मूक-बधिर बच्चों को मुस्लिम बना कर उनका उपयोग आत्मघाती हमलावरों के तौर पर करने वाले थे। नोएडा के सेक्टर-117 स्थित डेफ सोसाइटी के बच्चों को विशेष कर के इस गिरोह ने निशाना बनाया। इनकी साजिश थी कि मूक-बधिर विद्यार्थियों का इस्तेमाल ‘मानव बम’ के तौर पर किया जाए। भारत ही नहीं, इन्हें ‘मानव बम’ बना कर विदेश में भी उनका उपयोग करने की योजना थी। पाकिस्तान और अरब देशों से इन्हें बड़े पैमाने पर फंडिंग मिल रही थी, जिससे इस्लामी धर्मांतरण का गिरोह फल-फूल रहा था। गाजियाबाद के डासना मंदिर में घुसने वालों से भी इनके तार जुड़ रहे हैं। डासना मामले में गिरफ्तार किए गए विपुल, कासिफ व सलीमुद्दीन के तार कई इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े हुए पाए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियाँ अब इनके नेटवर्क के तह तक जाने में जुटी हुईं हैं। चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा संचालित स्कूल के मूक-बधिर बच्चों के साथ ही ये गिरोह महिलाओं को भी अपना निशाना बनाता था। कई महिलाओं का इस्लाम में धर्मान्तरण करा कर उनका निकाह करा दिया गया। ये दिव्यांग बच्चे बोल-सुन नहीं सकते हैं, इसीलिए उन्हें शिकार बनाया गया। उन्हें मुस्लिम बना कर उनमें हिन्दू धर्म के प्रति घृणा भरी जाती थी। पूरे देश में इस गिरोह व इसके नेटवर्क से संबंधित संदिग्ध बैंक खातों की जाँच की जा रही है। 100 से ज्यादा बैंक अकाउंट रडार पर हैं, जिनमें से फ़िलहाल 3 दर्जन की जाँच की जा रही है। कई आतंकी संगठनों द्वारा फंडिंग के इस खेल में कुछ सफेदपोश भी शामिल हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतें सुनकर चमक जाएगी आंखे, जानिए आज क्या हुआ बदलाव? बीएसएफ ने जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मृत मादक पदार्थ तस्कर को मारी गोली जापान पूर्वोत्तर राज्यों में आठ ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र करेगा स्थापित