लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भाजयुमो के पूर्व प्रदेश मंत्री प्रत्यूष मणि त्रिपाठी की हत्या के मामले में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. किसी महिला से फेसबुक फ्रेंडशिप को लेकर त्रिपाठी का विवाद हो गया था. इस मामले में जांच करने के बाद यह पता चला है 25 नवंबर की रात त्रिपाठी को मोहल्ले के ही सलमान, शिबू, जीशान, रोहित और ध्रुव अपने साथ बलपूर्वक घसीट कर सड़क पर ले गए थे. वहीं पर त्रिपाठी के ऊपर जानलेवा हमला किया गया, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. इस मामले में लखनऊ के कैसरबाग थाने में रिपोर्ट भी दर्ज है. सराफा बाजार: लगातार तीसरे दिन बढ़े सोने के दाम, जानिये आज की कीमतें वहीं दूसरी तरफ, प्रत्यूष मणि के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए भी एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. जानकारी के अनुसार, प्रत्यूष मणि और दूसरे पक्ष की महिला के बीच फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट को लेकर कुछ विवाद हुआ था. हत्या के बाद प्रदर्शनकारियों ने लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया था. इसे देखते हुए पुलिस ने दो आरोपियों अदनान और सलमान को गिरफ्तार कर लिया है. लापरवाही के आरोप में कैसरबाग के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. वहीं पीड़ित परिवार को योगी सरकार की तरफ से दस लाख रुपए की वित्तीय मदद दी गई है. शेयर बाजार : लगातार दूसरे दिन जारी रही बड़ी गिरावट, जाने आज कितना गिरा बाजार विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी का इस्तीफा मांग रहे थे. कार्यकर्ताओं की मांग थी कि त्रिपाठी के परिवार को मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपए प्रदान किए जाएं, साथ ही उनके हत्यारों की तत्काल गिरफ़्तारी की जाए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि 25 नवंबर को बदमाशों ने त्रिपाठी पर वार किया था, लेकिन उस समय पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. प्रदर्शनकारियों के अनुसार त्रिपाठी ने इसकी शिकायत एसएसपी नैथानी से करते हुए सुरक्षा की मांग की थी, किन्तु सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई. खबरें और भी:- डॉलर के मुकाबले रुपए की बड़ी जीत, अब यह देश भी रुपये में करेगा लेनदेन नोटबंदी की वजह से आयकर रिटर्न में हुआ 50 फीसदी इजाफा खुशखबरी : नहीं करना होगा लम्बा इंतजार, अब सिर्फ 4 घंटे में बनेगा पैन कार्ड