लखनऊ: पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। राज्य के आजमगढ़ में घाघरा नदी के उफान पर होने के चलते महला में बांध टूट जाने से बुरी हालत हो गई है। सीमावर्ती मऊ जिले के अंतर्गत आने वाले गांवों में भी तेजी से पानी घुसने लगा है। इलाहाबाद-गोरखपुर मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इसकी सूचना मिलते ही जिलाधिकारी अरूण कुमार फ़ौरन मौके पर पहुंचे। वे उच्च अधिकारियों के साथ बाढ़ के हालात का जायजा ले रहे हैं। बांध टूटने के कारण मौके पर अफरातफरी का माहौल है। बताया जा रहा है कि घाघरा नदी, खतरा बिन्दु 69.90 मीटर से 71.50 मीटर पर पहुंच चुकी है। क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में पानी तेजी से घुस रहा है। घाघरा के जलस्‍तर ने तोड़ा 24 साल का रिकार्ड रिपोर्ट के अनुसार, घाघरा नदी के बढ़ते जलस्तर ने 24 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। बदरहुआ रेगुलेटर पर 1998 में नदी का जलस्तर 72.98 मीटर सबसे अधिक था। गुरुवार को घागरा नदी 73.30 मीटर पर बह रही थी। महुला के छितैनी के निकट नदी का पानी बांध पर ओवरफ्लो होने लगा। जिसे बांधनें में लोग जुटे रहे। इससे इलाके में कई स्थानो पर बांध में रिसाव शुरू हो गया। लगभग 70 गांव की बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। क्षेत्र के लोगों के आवगमन के लिए 460 नावें लगाई हैं। घर छोड़ कर लोग सुरक्षित जगह पर पहुँच रहे हैं। घाघरा नदी के जलस्तर रिकॉर्ड तोड़ इजाफा हो रहा है। जिससे देवारा क्षेत्र के लोगों की समस्या बढ़ रही है। पानी से घिरे गांव के लोग अपने सामानों को समेट कर सुरक्षित जगहों पर पहुँच रहे है। मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ ने कलेक्टर का किया सम्मान रविवार को बनाए चिली मोमोज, खाने वाले करेंगे तारीफ़ केरल: छात्रों के स्वागत के लिए लगाए मिया, सनी और जॉनी सिन्स के फोटोज!