यूपी नगर निगम में घटा अनोखा मामला, चुनाव के सवा दो साल बाद नामित हुए इतने पार्षद

यूपी की भाजपा सरकार ने 16 नगर निगमों में 160 व्यक्तियों को पार्षद के रूप में चयनित किया है. ये पार्षद नगर निगम चुनाव के करीब सवा दो साल बाद नामित किए गए हैं। ऐसे में इन्हें अधिकतम पौने तीन साल का ही कार्यकाल मिलेगा. नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में पार्षदों का मनोनयन जल्द किया जाएगा. शाहजहांपुर नगर निगम में फिलहाल तकनीकी कारणों से पार्षद नामित नहीं किए गए हैं.

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नगर निगमों में 10, नगर पालिका परिषद में पांच और नगर पंचायतों में तीन पार्षद को यूपी सरकार नामित कर सकती है. उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर राज्य सरकार जब चाहे नामित पार्षदों का कार्यकाल खत्म कर सकती है. नगर विकास विभाग ने मंगलवार को गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, अलीगढ़, मथुरा, फीरोजाबाद, बरेली, आगरा, कानपुर नगर, झांसी, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में पार्षद नामित किए हैं. नामित पार्षदों को मेयर एक कार्यक्रम आयोजित कर शपथ दिलाएंगे.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यूपी के नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन ने बताया कि इन पार्षदों के नामित होने से नगर निगमों का प्रजातांत्रिक स्वरूप अपेक्षाकृत और अधिक मजबूत होगा. उन्होंने बताया कि जल्द ही नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में भी सदस्य नामित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि लखनऊ नगर निगम में अनुराग मिश्रा ‘अन्नू’, पद्मिनी चैधरी, कैलाश गुप्ता, राकेश मिश्रा, संतोष तेवतिया, शिव कुमार यादव, सुभाष शुक्ला, सर्वजीत सिंह, केके जायसवाल तथा प्रियंक आर्य को पार्षद के रूप में नामित किया गया है.

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