लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर है। 75 जिलों में से 22 पर जिला पंचायत अध्यक्षों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है। इनमे से 21 जिलों पर भाजपा कब्जा करने में कामयाब रही है। बता दें कि पंचायत सदस्य चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। भाजपा ने पीलीभीत और शाहजहांपुर में बड़ा दांव चला। सहारनुपर में बसपा प्रत्याशी ने नामांकन वापस ले लिया है। वहीं, सपा ने भाजपा पर उम्मीदवारों को प्रभावित करने के लिए मशीनरी का उपयोग करने का आरोप लगाया है। 53 सीटों पर कांटे का मुकाबला है। हाल ही में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतरेगी। ऐसे में भाजपा और सपा ने बसपा के विजयी प्रत्याशियों को अपने पाले में लाने का काम शुरू कर दिया है। साथ ही दोनों पार्टियां निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थन देने में लगी हुई हैं। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर पुलिस के सहारे चुनाव जीतने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सपा के कई उम्मीदवारों को नामांकन पत्र तक नहीं भरने दिया। पार्टी प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि भाजपा अपनी ताकत का इस्तेमाल उनके पक्ष में वोट करने के लिए मजबूर और धमकाने के लिए कर रही है। भाजपा ने प्रदेश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर कब्जा कर लिया है, किन्तु सपा मजबूती से लड़ेगी और आगे बढ़ेगी। लंदन अचल संपत्ति सौदे के मामले में वेटिकन ट्रिब्यूनल ने नौ लोगों को किया गिरफ्तार पुष्कर सिंह धामी बने उत्तराखंड के नए सीएम, 4 माह में राज्य को मिला तीसरा मुख्यमंत्री राफेल डील: फ्रांस ने सौदे पर बिठाई न्यायिक जाँच, राहुल गांधी बोले- चोर की दाढ़ी...