बेहद शातिर निकली पूजा, दीप्ति के नाम से करती रही सरकारी टीचर की नौकरी, 20 महीने बाद हुई गिरफ्तार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग में सेंधमारी कर नौकरी पाने वालों के खिलाफ सरकार लगातार एक्शन ले रही है. अब एक फर्जी टीचर इसी कार्रवाई की चपेट में आ गई है. जिसने बड़े ही शातिराना अंदाज में विभाग की आँखों में धूल झोंककर सरकारी नौकरी पा ली थी. इस फर्जी महिला टीचर के खिलाफ वर्ष 2020 में कार्रवाई की गई थी. इसके बाद से यह फरार चल रही थी.

उल्लेखनीय है कि कासगंज के गंजडुंडवारा ब्लॉक क्षेत्र के गांव नूरपुर परिषदीय प्राथमिक विद्यालय स्थित है. फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर यहां पूजा नामक एक  युवती ने दीप्ति बनकर नौकरी प्राप्त कर ली थी. पोल खुलने पर उसकी शिकायत की गई. इसके बाद जांच शुरू की गई. जिसमे पूजा के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. इसके बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए 9 अक्टूबर 2020 को उसकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं. खंड शिक्षा अधिकारी श्रीकांत पटेल ने टीचर के खिलाफ गंजडुंडवारा कोतवाली में केस दर्ज कराया गया था. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. FIR के 20 महीने बाद पूजा पुलिस के हत्थे चढ़ी. फ़िलहाल उसे अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया है. 

पुलिस ने बताया है कि आरोपी पूजा फिरोजाबाद जिले के सलेमपुर करखा की निवासी है. वह लगभग 20 महीने से फरार चल रही थी. पुलिस लगातार उसकी गिरफ्तारी के लिए कोशिश कर रही थी. इसी दौरान गंजडुंडवारा कोतवाली पुलिस को मुखबिर से शिक्षिका के गंजडुंडवारा रेलवे स्टेशन पर मौजूद होने की जानकारी मिली. सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे स्टेशन से अरेस्ट कर लिया और सलाखों के पीछे भेज दिया है. 

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