लखनऊ: उत्तर प्रदेश लॉ कमीशन ने मंगलवार को जनसंख्या नियंत्रण बिल (Population Control Bill) का फाइनल ड्राफ्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया है. आयोग के प्रमुख जस्टिस (सेवानिवृत्त) एएन मित्तल ने बताया कि ड्राफ्ट बिल में आम जनता के सुझावों को भी शामिल किया गया है. मीडिया से बात करते हुए रिटायर्ड जस्टिस एएन मित्तल ने जानकारी दी है कि कानून कैसा होना चाहिए, इसको लेकर 8,500 से अधिक सुझाव आए थे, जिसमें से 8,200 सुझावों को बिल में शामिल किया गया है. आयोग ने पिछले माह वेबसाइट पर ड्राफ्ट बिल को अपलोड किया था और इस पर लोगों से सुझाव मांगे थे. उन्होंने बताया कि जिन लोगों का एक ही बच्चा हो, उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, किन्तु जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे, उन्हें कई सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि यदि किसी को जुड़वा बच्चा होता है, दिव्यांग होता है या ट्रांसजेंडर होता है तो उसे टू-चाइल्ड नॉर्म्स का उल्लंघन नहीं माना जाएगा. इसका मतलब ये है कि यदि किसी माता-पिता का बच्चा दिव्यांग होता है, ट्रांसजेंडर होता है या फिर जुड़वा निकलते हैं तो उन्हें तीसरा बच्चा करने की अनुमति होगी. उन्होंने बताया कि जिनके दो बच्चे होंगे, उन्हें ग्रीन कार्ड प्रदान किया जाएगा और जिनका एक बच्चा होगा, उन्हें गोल्ड कार्ड दिया जाएगा. कार्ड के आधार पर ही उन्हें सरकार की तरफ से अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. उन्होंने ये भी बताया कि गरीबी रेखा से नीचे आने वाले जिन परिवारों में एक ही बच्चा होता है और यदि वो अपनी मर्जी से नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें अतिरिक्त सरकारी सुविधाएं दी जाएंगी. जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए कहा- "राहुल गांधी केरल में राजनीतिक पर्यटन पर हैं" क्या कांग्रेस से उत्कृष्ट सियासी मंच है TMC ? सुष्मिता देव के बयान पर उठा सवाल अफगान में बिगड़ती स्थिति के बाद भी राहत एजेंसियां करेंगी जरूरतों को पूरा