लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सामुदायिक शौचालय के भीतर अलग-बगल ही 2 टॉयलेट सीट लगाने के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार का बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। इस मामले में गौराधुंधा गांव (बस्ती जिला) के तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव नीरज और मौजूदा सचिव पूनम श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही जिलाधिकारी (DM) के निर्देश पर पूर्व प्रधान और मौजूदा प्रधान को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। इसके साथ ही मुख्य विकास अधिकारी (CDO) ने जेई लघु सिंचाई के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी की है। जिला पंचायती राज अधिकारी (DPRO) नमिता शरण की अनुशंसा पर जिला विकास अधिकारी (DDO) ने लापरवाहों के खिलाफ यह कार्रवाई की है। दरअसल, तत्कालीन सचिव नीरज और प्रधान ने मिलकर शौचालय निर्माण में यह कारनामा किया था। सीटों के बीच न ही कोई ओट लगाई गई और न ही शौचालय में दरवाजा लगाया गया था। वहीं, अब अधिकारियों के निर्देश के बाद टॉयलेट में मरम्मत कार्य आरम्भ कर दिया गया है। यह मामला बस्ती जिले के कूदरहा ब्लॉक स्थित गौराधुंधा गांव का है। गांव में सचिव और प्रधान ने 10 लाख रुपए की लागत से एक सामुदायिक शौचालय बनवाया था, मगर आज तक इस सामुदायिक शौचालय का कोई उपयोग नहीं कर पाया। इसका कारण रहा कि शौचालय बनाए तो गए, मगर उसमें दरवाजे नहीं लगाए गए। इसके साथ ही एक ही शौचालय में दो टॉयलेट सीट लगा दी गईं। इस पूरे मामले के सामने आने पर जिला पंचायती राज अधिकारी नम्रता शरण ने तत्कालीन और मौजूदा सचिव को नोटिस भेजा था। अब दोनों ही सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। इसके साथ ही मामले की जांच जारी है। बता दें कि जिला पंचायती राज अधिकारी ने कहा कि वे स्वयं मौके पर जांच करने गई थीं और सामुदायिक शौचालय की स्थिति देखकर अचरज में पड़ गई थीं। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी बस्ती जिले में बने इस शौचालय की तस्वीर ट्विटर पर शेयर कर भाजपा सरकार के 'डबल इंजन' वाले नारे का मजाक उड़ाया है। हिंडन नदी में कचरा फेंका तो 5 लाख रुपए तक लगेगा जुर्माना, सख्त हुआ नगर निगम गुरुग्राम: खुले में नमाज़ को लेकर फिर भड़का विवाद, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया विरोध '18000 वर्ष प्राचीन इतिहास..', रामसेतु पर सरकार ने संसद में दिया अहम बयान