देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार देर शाम सीएम कार्यालय पर कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में विशेष तौर पर विद्यार्थियों के भविष्य एवं शिक्षा पर खास ध्यान रहा। बैठक में मंत्रीमंडल ने 15 बिंदुओं पर फैसले लिए गए। इसमें अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ी जाति के 42641 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दिए जाने का फैसला लिया गया। इसके साथ मंत्रीमंडल ने कक्षा नौ से दसवीं तक प्री मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना की पिछले दो सालों की 8.15 करोड़ की धनराशि देने को भी अनुमति दी। वहीं प्रबंधकीय इंतजाम के तहत सहायता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में पढ़ा रहे 155 संस्कृत अध्यापकों को उनके शिक्षण एक्सपीरियंस के आधार पर मानदेय में बढ़ोतरी करने का भी निर्णय लिया। सरकार का फोकस शिक्षा पर विशेष रूप से रहा है। उत्तराखंड में 2017-18 और 2018-19 के चलते केंद्र से छात्रवृत्ति आवंटन नहीं प्राप्त होने से अनुसूचित जाति के 22492 विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे। वही इसको लेकर उत्तराखंड सरकार ने निर्धारित किया कि वह छात्रवृत्ति की इस 3.79 करोड़ की धनराशि को अपने चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट से पेमेंट करेगी। इसी तरह ओबीसी छात्रवृत्ति योजना के तहत 20149 विद्यार्थियों को भी उक्त छात्रवृत्ति की 4.36 करोड़ की रकम के भुगतान को भी अनुमति दी गई। माना जा रहा है कि अगले वर्ष होने वाले चुनावों को लेकर सरकार का ध्यान पिछड़ा वर्ग पर है। इसी को लेकर मंत्रीमंडल में उसको ध्यान में रखकर कई और निर्णय ले सकती है। कोरोना: इथियोपिया में 2,060 तक पहुंचा मौत का आंकड़ा राहुल गांधी का आरोप- पीएम मोदी नहीं करते तमिल भाषा और यहाँ के लोगों का सम्मान ओडिशा के सीएम ने नेताजी सुभाष चन्द्रबोस को दी श्रद्धांजलि