उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में इन फैसलों पर लगी मुहर

देहरादून: गुरुवार को उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई. जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई तथा कई निर्णयों पर मुहर लगी. बैठक में कुल 14 प्रस्ताव आए, जिनमें से 13 प्रस्तावों को अनुमति दी गई.

उत्तराखंड कैबिनेट के प्रमुख फैसले इस तरह है-  उत्तराखंड में यौन उत्पीड़न एवं अन्य वारदातों से पीड़ित महिलाओं को सरकार मुआवजा देगी, 23 से 25 सितंबर तक उत्तराखंड का विधानसभा सत्र होगा. MLA की सैलरी-भत्तों में कटौती के लिए अध्यादेश आएगा, सैलरी के साथ सचिवीय तथा विधानसभा क्षेत्र भत्ते में 30 फीसदी की कटौती होगी. जौनसार बावर के लोगों को भी वर्ग चार की ज़मीन पर मालिकाना अधिकार प्राप्त होगा.

साथ ही सौंग तथा जमरानी बांध के लिए पीआईयू गठन को अनुमति, 143 पदों का ढांचा सहमत हुआ, 32 अन्य पदों को अनुमति, 112 पदों के अतिरिक्त प्रस्ताव भी मंत्रीमंडल ने सहमति दी. तथा उच्च न्यायालय के रिटायर्ड चीफ जस्टिस तथा न्यायधीशों के सेवक तथा मिनिस्टीरियल भत्ते में सात वर्ष पश्चात् बढ़ोतरी. दोनों मदों में चीफ जस्टिस को अब 30 हजार तथा न्यायाधीशों को 25 हजार रुपये भत्ता प्राप्त होगा. इसके साथ-साथ एचएनबी गढ़वाल मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी के कुलपति के कार्यकाल की अवधि  65 वर्ष से बढ़ाकर 70 साल की. किन्तु पुनर्नियुक्ति नहीं हो पाएगी. साथ ही लघु सिंचाई में जेई से वसूली नहीं की जाएगी. निधन हो जाने के पश्चात् अब वसूली की बकाया 4.80 लाख की रकम बट्टे खाते में जाएगी. बैठक के दौरान इन सभी फैसलों पर मुहर लगाई गई.

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