देहरादून: देश के राज्य उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुमोदन के बाद भी दो इंजीनियरों के विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि की फाइल अनुभाग में 14 माह तक दबी रही. लंबे वक़्त के पश्चात् फाइल प्रस्तुत होने पर सीएम ने नाराजगी व्यक्त की, तथा कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए है. पूरा अनुभाग परिवर्तित किये जाने पर चीफ सेक्रेटरी ओम प्रकाश ने कहा, ये अघोषित चेतावनी है, वक़्त रहते सुधर जाएं, अन्यथा कार्रवाई से मुक्त नहीं हो पाएंगे. आपको बता दें कि मंगलवार को सेक्रेटरी लोनिवि आरके सुंधाशु के पत्र पर एसएडी ने लोनिवि सेक्शन के एक के पूरे स्टाफ को परिवर्तित कर नया स्टाफ रखा गया. ये कार्रवाई सीएम दफ्तर के निर्देश पर की गई थी. बुधवार को इस बारे में पूछे जाने पर चीफ सेक्रेटरी ने कहा, 2019 में दो सुपरिंटेंडिंग इंजिनीयर्स को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई थी. इस फाइल पर सीएम का अनुमोदन था. उन्होंने उसी दिन फाइल सेक्शन को भेज दी थी. परन्तु इस फाइल को सेक्शन ने जुलाई में प्रस्तुत किया गया. मतलब 14 माह पश्चात् फाइल प्रस्तुत हुई. जबकि सीएम के आदेश वाली फाइल पर अधिकांश एक सप्ताह में अमल हो जाना चाहिए. सेक्शन के पास फाइल पर पुनर्विचार करने का ऑप्शन था. वह फाइल फिर से उच्च स्तर पर भेज सकते थे. किन्तु फाइल नहीं भेजी गई. यह बहुत बड़ी मिस्टेक है. सीएम के निर्देश थे कि सबको परिवर्तित कर दो. उनके आदेश पर अमल किया गया. लोनिवि सेक्शन का केस सामने आने के पश्चात् प्रदेश सचिवालय के कई सेक्शन सीएम की नजर में चढ़ गए है. वही अब पुरे मामले पर कार्रवाई के सख्त आदेश दे दिए गए है. सुषमा स्वराज की प्रथम पुण्यतिथि आज, बेटी ने शेयर की 'दिव्य पंक्ति' नियंत्रण रेखा पर पहली बार महिला सैनिकों को किया तैनात शिक्षक दिवस : क्या है शिक्षक का अर्थ ?