देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून जिले के एक बोर्डिंग स्कूल में 12 वर्ष के छात्र को उसके सीनियर्स ने कथित रूप से पीट-पीटकर मौत के घात उतार दिया। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया है कि 12वीं में पढ़ने वाले दो छात्रों ने बिस्किट का पैकेट चुराने का आरोप लगाते हुए मृतक छात्र को क्लासरूम में स्टंप और बैट से निर्ममता से पीटा और उसे वहीं छोड़कर चले गए। घायल छात्र को कई घंटों बाद उपचार हेतु अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्कूल प्रशासन ने इसके बाद बगैर पोस्टमॉर्टम कराए छात्र की लाश को स्कूल कैंपस में ही दफना दिया। बिहार: भाजपा नेता के घर को नक्सलियों ने डायनामाइट से उड़ाया पुलिस ने मामले में दोनों आरोपी छात्रों के विरुद्ध दफा 302 के तहत केस दर्ज कर लिया है, वहीं स्कूल प्रशासन के तीन कर्मचारियों हॉस्टल मैनेजर वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पर अपराध के साक्ष्य नष्ट करने के जुर्म में सेक्शन 201 तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी छात्रों ने मृतक छात्र पर आरोप लगाया था कि जब वे बाहर गए हुए थे तब उसने बिस्किट का पैकेट चुराया था। इसके बाद दोनों ने क्लासरूम में पीड़ित की बैट और स्टंप से बेरहमी से पिटाई कर दी। इंडियन कोस्टगार्ड ने गुजरात पोर्ट से बरामद की 500 करोड़ की हेरोइन, नौ लोग गिरफ्तार कुछ देर बाद ही घायल छात्र के प्राण निकल गए। छात्र की लाश तब तक क्लासरूम में ही पड़ी रही, जब तक हॉस्टल के वॉर्डन की निगाह उस पर नहीं पड़ी। देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने जानकारी देते हुए बताया है कि मामले में स्कूल प्रशासन की तरफ कई तरह की चूक सामने आई है। उन्होंने कहा है कि छात्र को न केवल देर से अस्पताल ले जाया गया बल्कि स्कूल स्टाफ ने वारदात को छिपाने का भी प्रयास किया है। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दिए बिना छात्र को परिसर में ही दफना दिया। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन उषा नेगी ने जानकारी देते हुए बताया है कि उनके हस्तक्षेप के कारण ही मामला प्रकाश में आ पाया है। खबरें और भी:- चोरी के शक में फिर एक ऑटो ड्राइवर को गवानी पढ़ी अपनी जान प्रेम-प्रसंग के चलते युवक को उतारा मौत के घाट गर्ल फ्रैंड के घर जन्मदिन मनाने पहुंचे चार दोस्त और फिर