देहरादून: बीते कुछ दिनों से भारत और चीन में तनाव बेहद बढ़ गया है. वही इस बीच भारत-चीन में अभी हुए विवाद के मध्य उत्तराखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उत्तरकाशी शहर में भारत-चीन सीमा पर स्थित नेलांग घाटी के इलाके गरतांग गली में देश-विदेश के सैलानियों के सैरसपाटे को मंजूरी देने के लिए इसे प्रतिबंधित इलाके से बाहर करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है. इससे इस जनजातीय इलाके में टूरिस्ट को न केवल बढ़ावा मिलेगा बल्कि उसका विकास भी होगा. कभी गरतांग गली से होकर 1962 तक भारत-तिब्बत के मध्य कारोबार होता था. उत्तरकाशी शहर के नेलांग घाटी में गरतांग गली सहित द्रोणागिरि, टिम्बरसैंण महादेव, भविष्य बदरी, पिथौरागढ़ शहर के कुटी, व्यास गांव सहित कई इलाकों में बाहरी लोगों का आवागमन निर्बाध नहीं है. वही अब तक यहां विदेशी सैलानियों को जाने की मंजूरी नहीं है. इंडियन टूरिस्ट को भी सीमित संख्या में केवल एक दिन का परमिट प्राप्त होता है. यहां रात को रुकने की मंजूरी नहीं है. टूरिज्म मिनिस्टर सतपाल महाराज ने बताया कि गरतांग गली सहित अन्य इलाकों को प्रतिबंधित इलाके से बाहर करने का केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है. इस इलाके में परमिट का इंतजाम खत्म करने से राज्य में जनजातीय टूरिस्म को बढ़ावा मिलेगा. देश विदेश के टूरिस्टों को सीमांत गांवों में घूमने तथा रुकने का अवसर प्राप्त होगा. जनजातीय टूरिस्ट के जरिये ही इन गांवों से हो रहे पलायन को भी रोका जा सकता है, तथा इससे स्थिति बेहतर होने में मदद प्राप्त होगी. जन्माष्टमी : इस दिन व्रत रखने से होते हैं ये अद्भुत लाभ, जानिए इसके बारे में... यूपी में छह शहरों के अस्पतालों में बढ़ाए जाएंगे बेड दिल्ली में कोरोना का अटैक, काबू से बाहर पॉजीटिव केस