शादी के नाम पर महिलाओं के कथित धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रहे कई भाजपा शासित राज्यों के बीच उत्तराखंड सरकार ऐसे गठबंधनों को मनाने के लिए अंतरजातीय और अंतर-विश्वास जोड़ों को 50,000 रुपये का भुगतान कर रही है। राज्य समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सभी कानूनी रूप से पंजीकृत अंतर-विश्वास भारतीय जोड़ों को नकद प्रोत्साहन दिया जाता है । उन्होंने कहा, अंतर-जातीय वैवाहिक विवाह के मामलों में, नकद प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए एक शर्त यह है कि जीवन साथी में से एक अनुसूचित जाति से होना चाहिए जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 341 द्वारा परिभाषित किया गया है। टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने कहा कि अंतरजातीय और अंतर-धार्मिक वैवाहिक गठजोड़ के रूप में पेश की गई राशि राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देने में बेहद मददगार साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि पात्र जोड़े शादी के एक साल बाद तक नकद प्रोत्साहन के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे जोड़ों को संयुक्त रूप से दी जा रही राशि को उत्तर प्रदेश अंतारजातिया/अंताधर्मिक चिरायु प्रोत्थान नियामती, 1976 में संशोधन के माध्यम से 2014 में उत्तराखंड में 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया था। मामूली विवाद में मनचले ने कर दी अंधाधुंध फायरिंग, 4 घायल ग्वालियर के कोरोना अस्पताल में लगी आग, दो मरीज झुलसे पंजाब के किसान 23 नवंबर से पैसेंजर ट्रेन को आवाजाही की अनुमति देने पर हुए सहमत