देहरादून: राज्य के एक युवा आईएफएस अफसर ने परंपरागत तकनीक में थोड़ा सा परिवर्तन कर, चंपावत के एक गांव के लोगों को हाथियों से हो रहे खेती की हानि से छुटकारा दिलाया है. हम बात कर रहे है हल्द्वानी फारेस्ट डिवीज़न में तैनात 2017 बैच के डीएफओ कुंदन कुमार की. फारेस्ट डिपार्टमेंट व किसान विशेष रूप से हाथियों को खेतों एवं गांवों की तरफ जाने से रोकने के लिए हाथी रोधी दीवार, खाई, बायो फेंसिंग आदि ढंग अपनाते हैं. इनमें से एक ढंग सोलर फेंसिंग का भी है. इसके अनुसार खेतों के चारो तरफ एक ऐसी तारबाड़ डाली जाती है, जिसमें 12 वोल्ट का करंट दौड़ता रहता है. वही चंपावत के गैंडाखली ग्राम में कुंदन कुमार ने यही ढंग अमल में लाने के बारे में सोचा था. समस्यां ये थी कि इसकी लागत काफी ज्यादा थी. वर्ष 2019 नवंबर में यहां पहुंचे कुंदन कुमार ने इसकी बजाय झालर वाली सोलर फेंसिंग का उपयोग करना निश्चित किया. ढंग ये था कि तारबाड़ की बजाय हवा में लटकी हुई, स्टील की तारों का इस्तेमाल किया. जिन पर सौर ऊर्जा से 12 वोल्ट का करंट दौड़ाया, तथा किसानों के खेतों को हानि से बचाया. वही भूमि से लगभग तीन फुट ऊपर झूलने वाले इन तारों में हाथी उलझते हैं, तो तत्काल निकल आते हैं तथा फिर दूर चले जाते हैं. परंपरागत सोलर फेंसिंग में हाथी कई बार पार पाने के प्रयास में तारबाड़ को हानि पहुंचाते हैं. जमीन और तारों के मध्य में तीन फुट का भिन्नता रहने से छोटे जानवर सरलता से पार कर जाते हैं. फारेस्ट ऑफिसर्स के अनुसार, यह तरीका कारगर सिद्ध हुआ है. इसी के साथ किसानो की परेशानियों का भी निपटान हुआ है. रवीन्द्रनाथ टैगोर : दो देशों को राष्ट्रगान देने वाली हस्ती, जानिए इनकी और भी ख़ास बातें सुषमा स्वराज की प्रथम पुण्यतिथि आज, बेटी ने शेयर की 'दिव्य पंक्ति' नियंत्रण रेखा पर पहली बार महिला सैनिकों को किया तैनात