उत्तराखंड में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए भी शासन ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी की है। इसके साथ ही जिसके बाद अब लोनिवि के निर्माण कार्यों में उनकी योग्यता के हिसाब से काम लिया जा सकेगा। वहीं शासन ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि राज्य के रिलीफ कैंप में फंसे लेबरों को लाने के लिए मैपिंग की जाए। बताया कि इस दौरान गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार एहतियात बरती जा सकती है ।कार्य स्थल पर लाने के लिए इस्तेमाल बसों में सामाजिक दूरी का ख्याल रखना होगा। शासन के इस निर्देश के बाद अब राज्य में फंसे मजदूरों को राहत मिलने की संभावना है। इसके साथ ही राज्य में चोरी-छुपे आ रहे 23 श्रमिकों को पुलिस ने रुद्रपुर के बॉर्डर पर पकड़ लिया। इसके साथ ही पूछताछ में श्रमिकों ने बताया कि सभी उत्तराखंड में रोजगार के लिए आ रहे थे। वाहन नहीं मिलने पर उन्हें जंगलों के रास्ते आना पड़ा। श्रमिकों को वापस भेजने की तैयारी की जा रही है। वहीं मंगलवार को कोतवाल केसी भट्ट टीम के साथ यूपी के लंबाबगड़ बॉर्डर पर रूटीन चेकिंग के लिए गए थे। इस दौरान उन्होंने हेमकुंड सीड प्लांट के पास चोरी-छुपे आ रहे 23 श्रमिकों को रोका। आपकी जानकारी के लिए बता दें की श्रमिकों ने अपना निवास बरेली शीशगढ़ उत्तर प्रदेश बताया। वहीं उनका कहना था कि वह पूर्व में उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में मजदूरी का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन से पहले सभी वापस घर चले गए थे।उत्तराखंड से उनके पास गेहूं कटाई समेत कई काम के लिए लोगों के कॉल आ रहे थे। पुलिस से बचने के लिए वह चोरी-छुपे राज्य में आ रहे थे। कोतवाल ने बताया सभी को वापस यूपी भेजने की तैयारी की जा रही है। कोरोना से साउथ कोरिया के बिगड़े हाल, मरने वालों की संख्या 50 के पार मौत के कुएं में धकेल रहा कोरोना, हिलाकर रख देगा यह आंकड़ा क्या खाड़ी देशों से वापस आ पाएंगे भारतीय ?