राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अब पूरी तरह से कोरोना संक्रमित और कोरोना के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित कर लिया गया है। इसके साथ ही इसे देखते हुए अस्पताल में कार्य करने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मचारियों के लिए द्रोण होटल के अलावा चिकित्सा अधीक्षक के पुराने कैंप आवासा को उनके रहने और भोजन इत्यादि की व्यवस्था के लिए रिजर्व किया गया है। वहीं इन सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों को यहीं से खाने-पीने का सामान और आराम करने की सुविधा उपलब्ध की जा रही है। इसके साथ ही कई डॉक्टर और कर्मचारी तो रात को होटल और चिकित्सा अधीक्षक के पुराने आवास में ही रहने को मजबूर हैं। वहीं ऐसे में कॉलेज प्रशासन ने भी इस चुनौती से पार पाने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है।आपकी जानकारी के लिए बता दें की तैयार किया जा रहा 50 बेड का नया आइसोलेशन वार्डएक तरफ जहां 50 बेड का नया आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है, वहीं नए आईसीयू वार्ड पर भी काम चल रहा है। इसके साथ ही इसी कड़ी में अब अस्प्ताल के चिकित्सकों व स्टाफ के दो बैच को रोजाना प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एक बेच में पांच-पांच डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ होगा। वहीं राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सायना ने बताया कि कोरोना से निपटना है और मरीजों को उच्च स्तर की सुविधाएं भी देनी हैं। इसके अलावा जिसके लिए दून मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सभी पैरामेडिकल स्टाफ व चिकित्सकों को डमी में आईसीयू का प्रशिक्षण दिया जाना है। यह प्रशिक्षण शुक्रवार से शुरू कर दिया गया है।एक दिन में दो बैच को प्रशिक्षण दिया जा सकता है । प्रत्येक बैच में 5-5 डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ होगा। प्रशिक्षण देने वाली टीम का नेतृत्व वह खुद करेंगे। उनके साथ डॉ. एमके पंत व अन्य शामिल रह सकते है । इसके अलावा प्रिंसिपल ने कोरोना से निपटने के लिए लंबी अवधि के लिए डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ व स्टाफ नर्स की भी अलग-अलग टीम तैयार कर ली गयी है। 42 मरीजों ने कोरोना से जीती जंग, अब इस स्थान पर बिताएंगे जिंदगी दुनियाभर में कोरोना से 21 हज़ार लोगों की मौत, यहाँ देखें हर देश का हाल लॉकडाउन के दौरान डॉक्टरों और पत्रकारों से हुए दुर्व्यवहार पर गरजे प्रकाश जावड़ेकर