इन दिनों गर्मी से परेशान होकर लोग पहाड़ों की तरफ रुख कर रहे हैं। इसी के चलते कोविड प्रोटकॉल की भी धज्जियां उड़ रही है। बीते दिनों उत्तराखंड में भारी संख्या में पर्यटकों को देखा गया और इस कारण कोरोना का खतरा बढ़ गया है। भारी संख्या में पर्यटकों को देखकर उत्तराखंड पुलिस ने बीते शनिवार को सख्ती दिखाई और कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के लिए करीब 2000 पर्यटक वाहन को मसूरी जाने से पहले वापस भेज दिया। जी हाँ, पुलिस ने बीते शनिवार को देहरादून-मसूरी मुख्य मार्ग पर कुठाल गेट और वैकल्पिक मार्ग पर किमाड़ी में बैरियर लगाकर चेकिंग अभियान चलाया। इसी बीच मसूरी रोड पर लगभग तीन किमी लंबा जाम देखने का मिला, और शाम पांच बजे तक दो हजार वाहन लौटाए गए। आप सभी को बता दें कि लॉकडाउन हटने के कारण उत्तराखंड सरकार ने राज्य में आने वाले पर्यटकों के लिए आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट में छूट दे दी थी लेकिन भीड़ पर काबू पाने के लिए अब इसे फिर से जरूरी किया जा चुका है। जी दरअसल नई गाइडलाइन को माने तो अगर किसी व्यक्ति को उत्तराखंड में प्रवेश करना है तो 72 घंटे के भीतर की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट, होटल या गेस्ट हाउस की बुकिंग डिटेल और स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है। बीते शनिवार को मसूरी से लौट रहे वाहन और बैरियर से लौटाए गए वाहन कुठाल गेट से ओल्ड मसूरी रोड होकर भेजे गए। इस दौरान बैरियर पर कई पर्यटकों ने आपत्ति दर्ज की। जी दरअसल दिल्ली-एनसीआर से आए पर्यटक इस दौरान काफी नाराज दिखे। उनका कहना था कि ''वे शुक्रवार रात घर से चले थे। शनिवार सुबह यहां आने के बाद नए नियम के बारे में पता चला।'' केवल यही नहीं बल्कि उनका कहना था कि सरकार को पहले से इस तरह की गाइडलाइन जारी देनी चाहिए थी, ताकि पर्यटकों को परेशानी ना हो। कोरोना की तीसरी लहर से नहीं डरते लोग, वीडियो दे रहा गवाही