देहरादून: लगातार राज्य में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. बच्चे प्राथमिक शिक्षा ही ग्रहण नहीं कर पा रहे है. हाल ही में एक निजी एनजीओ द्वारा एक सर्वे कराया गया था, जिसमे यह खुलासा सामने आया है कि राज्य में अभी भी काफी बच्चे शिक्षा से अछूते है. इस रिपोर्ट को बाल आयोग द्वारा काफी गंभीरता से लिया गया है. इसके तहत मुख्य सचिव को राज्य की प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए है. मंगलवार को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी की ओर से 'प्रथम' एनजीओ की सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि प्रदेश में अभी भी हजारों बच्चें प्राथमिक शिक्षा ग्रहण ही नहीं कर पा रहे हैं. यह हालात राज्य के भविष्य के लिए काफी चिंता जनक है. रिपोर्ट में बताया गया कि प्राथमिक शिक्षा का स्तर बहुत खराब स्थिति में है. और न ही शिक्षा सम्बन्धी अधिकारों का कोई पालन किया जा रहा है. आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षा के स्तर को तब तक मूल रूप से नहीं सुधारा जा सकता, जब तक शिक्षा अधिकारी शिक्षा सुधार के लिए प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं आएंगे और अपनी भागीदारी नहीं निभाएंगे. जनपद रुद्रप्रयाग से सबक लें... अध्यक्ष खंडूड़ी ने यह भी कहा कि रुद्रप्रयाग जनपद के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने जिला, ब्लॉक, तहसील स्तर में अधिकारियों को दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालय आवंटित किए हैं. और ये अधिकारी महीने में 2 दिन विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को जांचने, परखने के लिए जाते है. और वे विद्यार्थियों की शिक्षा सम्बन्धी जरूरतों जैसे कॉपी, पेंसिल, बैग इत्यादि को भी पूरा करते हैं. अधिकारियों के द्वारा बच्चों को सैनिक स्कूलों की परीक्षा की तैयारी भी कराई जाती है. ये भी पढ़ें- फिजियोथेरेपी में करियर बनाने की अपार संभावनाएं रिजल्ट में गलती होने पर दिखेगा रेड सिग्नल, CBSE ने अपडेट किया सॉफ्टवेयर इंडिया पोस्ट में निकली 10th पास के लिए 1193 पदों पर बंपर भर्ती जॉब और करियर से जुडी हर ख़बर न्यूज़ ट्रैक पर सिर्फ एक क्लिक में, पढिये कैसे करे जॉब पाने के लिए तैयारी और बहुत कुछ.