उत्तराखंड त्रासदी: अब तक 36 शव सहित 2 व्यक्ति मिले सुरक्षित, लेकिन अब भी कई लापता

देहरादून: उत्तराखंड गवर्नमेंट ने कहा कि चमोली हादसे में अभी तक 36 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 204 लोग अभी भी लापता हैं। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बोला कि बचाव एजेंसियों के लिए उम्मीद की एक किरण नज़र आ रही  है, क्‍योंकि दो व्यक्ति जिन्दा पाए गए हैं। जंहा इस बात का पता चला है कि बचाव एजेंसियों ने तपोवन सुरंग में मलबे के जरिए से 30 लोगों तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग शुरू की, जिनके बारे में बोला जा रहा है कि वे अंदर फंसे हुए थे। धुलीगंगा नदी में फिर से पानी का स्‍तर बढ़ने की वजह से काम को बंद करना पड़ा था।

बचाव दल सुरंग में ऑक्सीजन के माध्यम से एक जीवन रक्षक प्रणाली स्थापित करने के लिए नए सिरे से कोशिश कर रही हैं। मुख्य सुरंग, जहां बचाव अभियान अब भी चल रहा है, 1.5 किमी लंबी दूरी पर है, दूसरी सुरंगें नीचे हैं और माना जाता है कि यहां पर और लोग फंसे हो सकते हैं। मिली जानकारी के अनुसार भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रमुख प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने बोला, "बचाव दल द्वारा 2 बजे लगभग 12-13 मीटर नीचे की ओर झांकने वाली सुरंग में एक ड्रिलिंग अभियान शुरू अब भी चल रहा है।"

जंहा यह भी कहा जा रहा है कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और सेना ने जिले में खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए एक बहु-एजेंसी बचाव दल की स्थापना की जा चुकी है।  बढ़ते जल स्तर की वजह से ऑपरेशन रुकने से पहले गुरुवार को एजेंसियों ने 120 मीटर तक के मलबे को साफ कर दिया था और यह कहा जाता है कि श्रमिक लगभग 180 मीटर की गहराई पर फंसे हुए हैं, जहां सुरंग एक मोड़ ले रही है। आईटीबीपी के प्रमुख एसएस देसवाल ने कहा "मैं एक तकनीकी व्यक्ति हूं और मैं किसी तरह का अनुमान नहीं लगाऊंगा। लेकिन जैसा कि राज्यपाल ने कहा, बद्री विशाल (भगवान विष्णु) से प्रार्थना करते हैं कि वे सभी सुरक्षित हों।"

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