देहरादून: दिनों दिन बढ़ती जा रही इस ठंड के मौसम ने आज के समय में हर किसी को जमा कर रख दिया है हर जगह बस बर्फ ही बर्फ का साया नज़र आ रहा है वहीं प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में शुक्रवार को भी मौसम खराब रहा. पर्वतीय क्षेत्रों में बृहस्पतिवार देर रात से शुरू हुआ बारिश और बर्फबारी का सिलसिला बीते शुक्रवार यानी 17 जनवरी 2020 को भी जारी रहा. भारी बर्फबारी के चलते सैकड़ों गांव फिर अलग-थलग पड़ गए हैं. लेकिन मौसम के बिगड़े मिजाज को देखते हुए रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में शनिवार को कक्षा एक से 12वीं तक के समस्त सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है. आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चमोली जिले में बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के साथ ही करीब 85 गांव बर्फ में कैद हो गए हैं. बदरीनाथ हाईवे हनुमान चट्टी से आगे पुन: अवरुद्घ हो गया है, जबकि मलारी हाईवे भी सुरांईथोटा से आगे बर्फ जमने से बंद हो गया है. उत्तरकाशी जिले की निचली घाटियों में बारिश और यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से सीमांत जिला फिर शीतलहर की चपेट में है. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि समुद्र सतह से दो हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फिर से बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है. रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम समेत मद्महेश्वर, तुंगनाथ, चोपता आदि क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है. वहीं जनपद में पचास से अधिक गांव फिर से बर्फ के आगोश में आ गए हैं. केदारनाथ धाम में बीते 24 घंटों में लगभग चार फीट नई बर्फ जम चुकी है. यहां पहले से काफी बर्फ मौजूद है. मंदिर परिसर, मंदिर मार्ग समेत सभी निर्माण स्थल बर्फ से लकदक बने हुए हैं. जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग का धाम से संपर्क कटा हुआ है. साथ ही पुनर्निर्माण कार्य भी ठप पड़े हुए हैं. BB13 : घर के अंदर बढ़ती हिंसा को लेकर एजाज खान ने कहा- 'मुझे तो मेकर्स ने लात मारकर...' बांग्लादेश की टीम से बाहर हुआ ये धाकड़ बल्लेबाज़, पाक के खिलाफ खेलने से किया इंकार भाजपा का मिशन 2024, आंध्र प्रदेश में पवन कल्याण की पार्टी से किया गठबंधन