भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने की जिम्मेदारी ICMR पर है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी ICMR ने भारत में बनी कोरोना दवा का ट्रायल करने की योजना बनाई है. जिसके लिए ICMR ने कुल 12 संस्थानों का चुनाव किया है. जिसमें से एक ओडिशा का भुवनेश्वर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड एसयूएम हॉस्पीटल भी है. यह जानकारी एक अधिकारी ने गुरुवार को दी है. गोवा : एक दिन में मिले रिकार्ड कोरोना संक्रमित, बहुत कम समय में हजारों लोग हुए पॉजीटिव ICMR ने (BBIL) के सहयोग से कोरोना की वैक्सीन BBV152 विकसित की है. ICMR ने जिन 12 संस्थानों को चुना है, उनमें जल्द से जल्द कोरोना का ट्रायल प्रारंभ होने की संभावना है. बता दें कि इस ट्रायल को मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्राथमिक प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. इसकी निगरानी सरकार के अंतर्गत शीर्ष स्तर के अधिकारी कर रहे हैं. ICMR ने चुने गए संस्थानों को पत्र लिखकर कि वैक्सीन के तमाम क्लिनिकल ट्रायल के पूरा हो जाने के बाद ही जनता के लिए इसे लांच किया जाएगा. साथ ही ICMR ने इसके लिए 15 अगस्त की तारीख निश्चित की है. BBIL समय से काम को पूरा करने के लिए काफी तेजी से काम कर रहा है. हालांकि फाइनल रिजल्ट सभी क्लिनिकल ट्रायल के पूरा होने पर निर्भर करता है. टैंकभेदी बमों की आपूर्ति में लगा झटका, चीन से मुकाबले में भारतीय सेना को होगा नुकसान आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना के भयानक प्रकोप की वजह से पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी खड़ी हो गई है. जिसका मुकाबला करने के लिए वैक्सीन जल्द लॉन्च करना अतिआवश्यक है. चयनित संस्थानों को सख्ती से ट्रायल जल्द पूरा करने के लिए कहा गया है. क्लिनिकल ट्रायल के लिए ओडिशा के अलावा विशाखापत्तनम, रोहतक, नई दिल्ली, पटना, बेलगाम (कर्नाटक), नागपुर, गोरखपुर, कट्टनकुलाथुर (तमिलनाडु), हैदराबाद, आर्यनगर, कानपुर (उत्तर प्रदेश ) और गोवा के संस्थानों को शामिल किया गया है. कोरोना ने पैदा किया रोजगार, बड़ी नदी को 800 मजदूरों ने किया पुनर्जीवित मैदान पर लौटे खिलाड़ी, एमपी में शुरू हुई खेल की गतिविधियां 6 महीने से कोरोना का मुकाबला कर रहा विश्व का हर एक देश, जानें कहां पहुंचा इंसानी जीवन