ज्योतिषी के पास जाने वाले व्यक्ति की कुंडली देखकर समाधान किया जाता है तथा कुंडली देखकर ही या तो व्रत आदि की सलाह दी जाती है या फिर ऐसी कोई विधि बताई जाती है, जिससे व्यक्ति की समस्याएं दूर हो जाये। ऐसा ही एक उपाय है वैभव लक्ष्मी का व्रत। हालांकि इस व्रत को बगैर किसी की सलाह से भी आस्था व विश्वास के साथ पूर्ण किया जा सकता है लेकिन यदि योग्य ज्योतिष से सलाह लेकर वैभव लक्ष्मी के व्रत को विधि विधान के साथ पूरा किया जाये तो लक्ष्मी अर्थात धन, रोजगार, सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होने में देर नहीं लगेगी। सुख शांति, वैभव और लक्ष्मी प्राप्ति के लिये वैभव लक्ष्मी का व्रत प्राचीन और चमत्कारी माना गया है। लक्ष्मी, धन की देवी मानी गई है, यदि माता लक्ष्मी अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाये तो सुख समृद्धि और धन दौलत की कभी कमी नहीं आ सकती है। शुभ मुर्हूत को देखकर किसी भी शुक्रवार के दिन से वैभव लक्ष्मी का व्रत शुरू किया जा सकता है। यह व्रत सात, ग्यारह या इक्कीस शुक्रवार तक करने का विधान है। यदि खुद ही पूजन पाठ कर सकें तो ठीक अन्यथा किसी योग्य विद्वान ब्राह्मण से पूजन विधि को संपन्न कराया जा सकता है। वैसे तो वैभव लक्ष्मी व्रत सीधा सादा व्रत है किंतु कई लोग इसे गलत तरीके से करते है तो फिर इसका फल नहीं मिलता है। व्रत के दिन सुबह से लेकर रात को सोने के समय तक जय माॅं लक्ष्मी का रटन करंना चाहिये, किसी का अपमान न करें और न ही किसी की चुगली करे।